अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
अब कहने को बचा ही क्या है. बस मुट्ठी बंद ही रहे तो अछा है वर्ना जो रही सही है वो भी कुछ लोगो की वजह से चली जायगी.
अब कहने को बचा ही क्या है. बस मुट्ठी बंद ही रहे तो अछा है वर्ना जो रही सही है वो भी कुछ लोगो की वजह से चली जायगी.
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