हर रस्ते में दीप जले हैं, हर घर में उजियारा है
क्यों उदास बैठा है प्यारे, मन में क्यों अंधियारा है
यह उत्सव का मौका है, इसको व्यर्थ न जाने दो
निकलो खुश होकर तुम घर से, यह दिन सबसे प्यारा है
क्यों उदास बैठा है प्यारे, मन में क्यों अंधियारा है
यह उत्सव का मौका है, इसको व्यर्थ न जाने दो
निकलो खुश होकर तुम घर से, यह दिन सबसे प्यारा है
अति उत्तम काव्य.......
ReplyDeleteवाह !
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की
हार्दिक बधाइयां