29.12.09

निर्वासन के दो साल

मित्रो !
आज लगभग दो साल का वर्चुअल निर्वासन झेलने के बाद एक बार फिर नेट की इस आभासी दुनिया मे लौट आया हू। एक शुरुवात जो लगभग दो साल पहले हुई थी जो अभी तक शैशवकाल मे सिसक रही थी अब उसके यौवन की तैयारी आरम्भ करने का विचार है। ब्लाग जगत मे अपने दो ब्लागो के माध्यमो से मैने आपसे एक आत्मीय सम्वाद आरम्भ किया था उसी कडी को दोबारा जोडने का प्रयास करुंगा। अभी ज्यादा नही लिखना चाहता हू क्योंकि संकल्प प्रकाशित करने से कमजोर पड जाते सो इस बार बिना लम्बी चौडी योजनाओ के सीधा सम्वाद होगा मन का मन से..।
एक आशा है कि आप का सहयोग,मार्गदर्शन और आर्शीवाद मेरे इस बाल प्रयास को मिलता रहेगा…
नेट की दुनिया मे अपना पता रहेगा-
www.shesh-fir.blogspot.com
www.drajeet.blogspot.com

शेष फिर...
डा.अजीत

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