एक बार फिर चाऊर वाले बाबा की हार
भारत में पहले लोकसभा, छत्तीसगढ़ में फिर वैशाली नगर विधानसभा के लिए आमचुनाव दोनों में ही भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, दोनों चुनावों में हार की बस एक ही विभिन्नताएं थी. पहला तो यह की भले ही छत्तीसगढ़ के ११ लोकसभा सीटों में भाजपा ने १० सीट अपने नाम किये पर पुरे भारत में भाजपा ने कुछ खास नहीं किया और सरकार बनी कांग्रेस की. वहीँ दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के वैशाली नगर उपचुनाव में भाजपा की करारी हार, शायद उस समय माननीय मुख्यमंत्री रमण सिंह का जादू ठंडा हो गया. ताज्जुब की बात तो यह हो गयी की झारखण्ड विधानसभा चुनाव २००९ के लिए स्टार प्रचारक के रूप में गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह का जादू फिर नहीं चल पाया , झारखण्ड विधानसभा में कांग्रेस ने भाजपा को इस बार ५ सीटों से शिकस्त दी है. अब इसे हम क्या समझे, भाजपा की हार या मुख्यमंत्री रमण सिंह की. जहाँ भी वोह अब प्रचार के लिए जाते हैं वहां भाजपा हार रही है. खैर कुछ भी हो हम तो जानते हैं की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की छवि कैसी है. पर शायद वो प्रत्याशी उस लायक नहीं की जनता उन्हें वोट दे. हम तो यही कहेंगे मुख्यमंत्रीजी भाजपा को फिर से जिंदा करना है तो आप जैसी छवि के प्रचार में जाया करें, वरना वोह कहावत तो आपने सुनी ही होगी , कोयले की दलाली में हाथ तो कला होता ही है, ALL THE BEST CM, GO ON, जय Chhattisgarh
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