अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
मित्रोमेरी नई कविता ‘बीजगणित’ को पढने के लिए पधारे...www.shesh-fir.blogspot.comशेष फिर..डा.अजीत
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