10.1.10

समाजवादी पार्टी या शोले

समाजवादी पार्टी या शोले


 दोस्ती की मिसाल तो आपने बहुत देखे होंगे पर राजनीती में इतनी गहरी दोस्ती, पहले तो दोस्ती वो भी राजनीती में, लगता है न असंभव. पर आप के सामने हाल ही में आये उदाहरण को आप क्या कहेंगे जी हाँ समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह और अमर सिंह की दोस्ती. अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया, पर बयान आया मुलायम सिंह का की "अमर सिंह का इस्तीफ़ा अब तक मंज़ूर नहीं किया गया है" और शाम को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा " अमर सिंह हमारे साथ हैं" शायद इस बात का किसी को यकीन न हो क्यूंकि दोनों की राजनीती क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, पर यह सच है, इस घटना के बाद मेरा ध्यान एक घटना की और गया, जब भाजपा के जसवंत सिंह को पार्टी से निकला गया तब भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत के खिलाफ थे, पर बात जब करें अमर सिंह की तो देखिये पहले अमर सिंह, फिर पार्टी के महासचिव संजू बाबा ने भी इस्तीफ़ा दे दिया और अब तो जयाप्रदा और जाया बच्चन भी पार्टी से इस्तीफ़ा देने वाली हैं. तब आपको यह क्या लगता है. मुलायम सिंह और अमर सिंह की दोस्ती तो जय वीरू की दोस्ती नज़र आती ही है उसके साथ साथ तो ऐसा लगता है की पूरा रामगढ़ भी जैवीरू के साथ है.

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