लोकेन्द्र सिंह राजपूत
सर्वप्रथम गांधीजी को विनम्र श्रद्धांजलि....
भारत में कई महापुरुषों की मृत्यु विवादास्पद है। जैसे- नेताजी सुभाषचंद्र बोस, लालबहादुर शास्त्री, पं. दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और महात्मा गांधी.............
प्रो. कुसुमलता केडिय़ाअगस्त के महीने में जबलपुर था। नई दुनिया में इंटर्नशिप कर रहा था। उसी दौरान सुबह फाइल पढ़ते समय मैंने एक प्रसिद्ध गांधीवादी कुसुमलता केडिय़ा का इंटरव्यू पढ़ा। गांधी विद्या संस्थान, वाराणसी की निदेशक हैं प्रो. कुसुमलता केडिय़ा। सुश्री केडिय़ा समाज विज्ञानी व अर्थशास्त्री भी हैं। हां तो उनका इंटरव्यू नई दुनिया के ११ अगस्त २००९ के अंक में छपा था। वे इंदौर प्रवास पर थीं तभी नई दुनिया ने उनका इंटरव्यू किया था। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी के शरीर में लगी गोलियां गोडसे के रिवाल्वर की नहीं थी बल्कि बंदूक की थी। अदालत ने अपने फैसले में इस बात का उल्लेख किया है। अदालत के फै सले में इस बात का उल्लेख गांधी जी की हत्या पर कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि गोडसे की अदालत के समक्ष स्वीकारोक्ति भी कानूनीरूप से वैध नहीं है। साथ ही इस हत्याकांड में चश्मदीद गवाह के परीक्षण में मनु और आभा की गवाही भी नहीं हुई थी। कुछ इस तरह के तथ्यों का उल्लेख इंटरव्यू में करके उन्होंने कई प्रश्र खड़े किए हैं जिनकी तह तक जाना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि वे चाहती हैं कि गांधी हत्या के सच को सामने लाया जाए, उस संदर्भ में जांच की जानी चाहिए। ऐसा हो क्यों नहीं रहा यह भी बड़ा सवाल है। उनका विस्तृत इंटरव्य आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं।
कान्ग्रेसी सच सामने आने ही नही देन्गे
ReplyDeleteसच पता भी चल जाये तो अब क्या होगा?
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