कल्कि अवतार और मैं
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पिछले कई दिनों से कोई व्यक्ति मेरे नाम और पते का प्रेषक के रूप में इस्तेमाल करते हुए कल्कि अवतार सम्बन्धी आठ -दस पृष्ठों कि प्रचारात्मक सामग्री देश भर में अनेक व्यक्तिओं को डाक से प्रेषित कर रहा है. मैं प्रगतिशील विचार धारा का कवि हूँ, इस तरह कि गतिविधियों से मेरा दूर तक कोई लेना देना नहीं है.अनेक प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में मेरी कवितायेँ प्रकाशित होती रहती है. मुझे लगता है कि किसी साहित्यिक पत्रिका से मेरा नाम और पता ले लिया गया है.इन्ही पत्रिकाओं से नाम पते लेकर अनेक साहित्यकारों को ये सामग्री प्रेषित कि जा रही है. मेरे पास उज्जैन से सुप्रसिद्ध कवि चन्द्र कान्त देवताले जी का मोबाइल आया , उन्हें भी मेरे नाम से ऐसी सामग्री मिली है. प्रेषक के स्थान पर मेरा पता होने के कारण कुछ पत्र मेरे पास लौट कर भी आये है. जयपुर में प्रगतिशील लेखक संघ राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. हेतु भारद्वाज एवं युवा कहानीकार अरुण कुमार असफल को भी ऐसे पत्र मेरे नाम से मिले है. इनमे समानता ये है कि भोपाल से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका वसुधा के पिछले अंक में हम चारों की रचना प्रकाशित है. अन्य पत्रिकाओं से भी पते लिए गए है. इससे में छवि तो धूमिल हो ही रही है. मुझे मानसिक संताप पहुँच रहा है. जिन किसी के पास भी ऐसी सामग्री पहुंची है , उनसे मेरा निवेदन है की इस प्रकार की सामग्री से मेरा कोई लेना देना नहीं है . ये किसी अन्धविश्वासी व्यक्ति या समूह का काम है. मेरे अनुमान के अनुसार ये सामग्री मध्य प्रदेश के किसी शहर से प्रेषित की जा रही है. मैं इस विषय में ये जानना चाहता हूँ कि, क्या मैं कोई कानूनी कार्यवाही कर सकता हूँ? यदि आप में से कोई जानकारी रखता हो तो मुझे अवगत कराये. इस गतिविधि को कैसे रोका जा सकता है.
गोविन्द माथुर
अध्यक्ष, प्रगतिशील लेखक
संघ.[जयपुर इकाई]
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