सठिया गए हैं बाल ठाकरे............
पहले सचिन तेंदुलकर और अब शाहरुख़ खान, दोनों को ही सामना करना पद रहा है बाल ठाकरे के तीखे तेवरों का. अब पता नहीं किसकी बरी आएगी??????? आखिर चाहते क्या हैं बाल ठाकरे????? किसी को भी कुछ भी बोलना शायद आदत बन गयी है बाल ठाकरे की. हाल ही में शिवसेना की पत्रिका सामना में बाल ठाकरे का राहुल गाँधी पर १ बयां आया की सही उम्र में शादी न होने से राहुल अपना आपा खो बैठे हैं. किसी के निजी ज़िन्दगी पर हस्तक्षेप करना ऐसा उम्रदर और नमी शक्सियत को शोभा नहीं देता. भला यह कौन समझाए बाल ठाकरे को, और तो और यह भी कहा मुंबई सभी भारतियों की है लकिन किसी इतालियन मम्मी की नहीं हो सकती. मैं तो बाल ठाकरे को बहुत ही समझदार समझता था, पर शायद बाल ठाकरे भी निकले पढ़े लिखे गंवार, वो भूल गए की सोनिया गाँधी ने भारतीय मूल निवासी से शादी की और भारत की नागरिकता भी सोनिया गाँधी को हासिल हैं, क्या बाल ठाकरे अपने कानून को भारत के कानून से ज्यादा महत्व देने लगे हैं और अगर वो ऐसा करना चाहते हैं तो यह तो सरासर बेवकूफी कहलाएगी. कभी कभी बात करने लगते हैं की महाराष्ट्र में सिर्फ मराठियों को ही नौकरी मिलनी चाहिए. मैं कहता हूँ सिर्फ नौकरी ही क्यूँ धंधे भी वोह सिर्फ अपने महाराष्ट्र तक सीमित करलें और बेच के ही देखे मुंबई में बने हुए कई चीज़ों को जिसमे कार से लेकर धागे तक भी शामिल हैं, क्या सिर्फ महाराष्ट्र के बाज़ार से ही महाराष्ट्र तरक्की कर लेगा. और यह भी कहता हूँ जिस दिन महाराष्ट्र के अलावा बाकि राज्यों ने मुंबई में बने कार और दुसरे वस्तुएं खरीदना बंद कर दिए तो उस दिन मुंबई भी सिर्फ १ गाँव के अलावा कुछ नहीं रहेगा, पर ये बात बाल ठाकरे को समझ में कहाँ आएगी. क्यूंकि अब तो मुझे यकीन हो गया है की बाल ठाकरे अब सठिया गए हैं, और सठियाये हुए लोगों की बातों का मुद्दा बनाना बेवकूफी है. अपील है मेरी टीवी चैनलों से की बाल ठाकरे की बेहूदा टिप्पणियों को प्रमुखता से दिखाना बंद करें, और यह मान लें की बाल ठाकरे सठिया गए हैं.
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