काफी दिनों से फिल्म माई नाम इस खान की ख़बरों ने मुझे वाकई फिल्म देखने को मजबूर कर दिया मैंने रविवार को इस फिल्म को देखा, और इसे देख कर वाकई मुझे ये जान्ने का मौका मिला की अमेरिका में किस तरह मुस्लिम परिवारों के साथ कैसा व्यवहार होता है। भारत में करोड़ों लोगों को ये जानने का अवसर मिला है कि देश के बाहर हमारे लोगों के साथ कैसा सलूक होता है। फिल्म में शाहरुख़ और करन ने काबिले तारीफ काम किया है। फिल्म ने ये साबित कर दिया है। हर खान आतंकवादी नहीं होते, जो लोग केवल नाम के आधार से ही आतंकवादी करार कर देते है उनका सोचना बिलकुल गलत है। अमेरिका मीडिया इस फिल्म को बड़े ही अच्छे ढंग से ले रही है, उनके इस सार्थक कदम के लिए हममे उनकी सराहना करनी चाहिए। फिल्म की कमाई पर गौर करे तो अमेरिकी लोग फिल्म को खासा महत्व दे रहे है। निश्चित रूप से वहां के लोगो की मानसिकता को बदलने में फिल्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।
बेस्ट ऑफ़ लक शाह रूख और करन
सूरज सिंह
No comments:
Post a Comment