अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
21.2.10
हो गई जोगन
सखियाँ खेलन को आई बन के सजना, मैं ना खेलूंगी तुम संग करो मोहे तंग ना। ---- साजन के रंग में रंगकर साजन की हो ली, तू तो हो गई री जोगन खेले ना होली। ---- घर घर धमाल मचाए सखियों की टोली, साजन परदेश बसा है कैसी ये होली।
ho gayee jooga bahoot he badiya
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