13.2.10

जनाब ये ‘सरकारी’ बंद है...

13 फरवरी 2010 दिन शनिवार... आज छत्तीसगढ़ बंद है... वजह महंगाई... बंद किया है भाजपा ने... क्यों...? महंगाई के लिए ज़िम्मेदार है केंद्र सरकार... लेकिन सवाल ये हैं कि क्या सिर्फ केंद्र की ही ज़िम्मेदारी है... क्या इससे निपटने में राज्य की कोई भूमिका नहीं... अगर नहीं तो भाजपा बंद बुला सकती है... और अगर हां तो भाजपा को कोई हक़ नहीं बनता बंद बुलाने का... तब जबकि वो ख़ुद राज्य में शासन कर रही है... छत्तीसगढ़ में चलता है रमन का राज... वो इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन को अपनी जेब में रखा हुआ है और रही बात पत्रकारों की तो मुख्यमंत्री ने उनका मुंह ‘हवाले’ से बंद कर रखा है... ख़ैर ये तो बात हुई तानाशाही की... मुख्यमंत्री ख़ुद कहते हैं कि सगंठन का बंद है और सफलता मिलेगी... ज़ाहिर सी बात है जब मुख्यमंत्री ख़ुद मीडिया के सामने बंद होने से पहले ही बंद के सफल होने की बात करते हैं तो बंद सफल क्यों नहीं होगा... सवाल है, क्या किसी मुंख्यमंत्री को बंद का समर्थन करना चाहिए...? अगर बंद होता है तो प्रशासन और पुलिस उसे सुरक्षा मुहैया कराते हैं जो बंद का समर्थन ना करते हुए अपना प्रतिष्ठान खोलना चाहते हैं... लेकिन पुलिस और प्रशासन तो मुख्यमंत्री की जेब में है... ऐसे में क्या कोई शटर खोलेगा...? एक तरफ़ आम आदमी महंगाई से परेशान है दूसरी तरफ इस बंद ने ग़रीबों की रोटी भी छीन ली... जब काम ही नहीं होगा तो ग़रीब का पेट कैसे भरेगा... बसें बंद हैं... स्कूल बंद हैं... कॉलेज बंद हैं... इसलिए लोग परेशान होते रहें... कोई फर्क नहीं पड़ता... क्या बंद करने से महंगाई का शटर गिर जाएगा... ख़ैर महंगाई कम हो ना हो लेकिन बंद तो होगा... भाई ‘सरकारी’ बंद है...

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