चाँद (वेलेंटाइन दिवस पर)
बार-
बार देखें सभी ,
इतना प्यारा रूप ।कोई कहता चांदनी ,
कोई कहता धूप ।।कोई कहता धूप ,
करे सब नो-
नो बातें ।एक उपाय विवाह , चांदनी
सी सब रातें ।।कह ‘
वाणी’
कविराज,
दिल की सुनो पुकार ।अपना है जब चाँद ,
देय दर्शन बार-
बार ।।
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