नवीन जोशी, नैनीताल। सरोवरनगरी नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध पहचान पर्वतीय पर्यटन नगरी के रूप में ही की जाती है, इसकी स्थापना ही विदेशी सैलानी पीटर बैरन ने १८ सितम्बर १८३९ में खोज करने की बाद हुई, और तभी से यह देश-विदेश के सैलानियों का स्वर्ग है. लेकिन इससे इतर इस नगर की एक और पहचान विश्व भर में है, जिसे बहुधा कम ही लोग शायद जानते हों। लेकिन इस पहचान के लिए नगर को न तो कहीं बताने की जरूरत है, और नहीं महंगे विज्ञापन करने की। दरअसल यह पहचान मानव नहीं वरन पक्षियों के बीच है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार देश भर में पाई जाने वाली 1100 पक्षी प्रजातियों में से 600 यहां मिलती हैं। प्रवासी पक्षियों या पर्यटन की भाषा में पक्षी सैलानियों की बात करें तो देश में कुल आने वाली 400 पक्षी प्रजातियों में से 200 से अधिक यहां आती हैं, जबकि 200 से अधिक पक्षी प्रजातियों का यहां प्राकृतिक आवास है। यही आकर्षण है कि देश दुनियां के पक्षी प्रेमी प्रति वर्ष बड़ी संख्या में केवल पक्षियों के दीदार को यहाँ पहुंचाते हैं.
देश की 1100 पक्षी प्रजातियों में से 600 हैं यहां
देश में आने वाली 400 प्रवासी प्रजातियों में से 200 से अधिक भी आती हैं यहां
स्थाई रूप से 200 प्रजातियों का प्राकृतिक आवास भी है नैनीताल
acchi jaankari di aapne
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