भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
9.4.10
नम होगा...
अश्को के सागर में, अश्को को बहाकर क्या होगा,
बहाना ही तों अश्क सहरा में बहाओ, कम से कम कमबख्त रेत का रुख तो कुछ नम होगा...
-हिमांशु डबराल
www.bebakbol.blogspot.com
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