1.4.10

आज घर पर ही हूँ... कोई काम नहीं था तो बैठ गया अपने कंप्यूटर के साथ इन्टरनेट पर नयी और ताजा खबर तलाशने... कुछ नए ब्लॉग भी पढ़ रहा था तभी एक ब्लॉग पर एक साथ दो खबरें मुझे मिली... खबर मिलते ही सोंच में पड़ गया कि क्या ऐसा भी हो सकता है... आखिर दुनिया को हो क्या गया है... कहाँ जा रही है हमारी दुनिया... क्या इसका अंत नजदीक आ गया है या फिर हम एक नए युग के दरवाजे पर खड़े है...

आखिर क्या है... और क्यों हो रहा है ऐसा... खबर पढ़ते ही मेरे पाँव तले की जमीन खिसक सी गयी.... पूरा शरीर एक अनजाने भय से काँप सा गया... हिम्मत नहीं बची कि मैं कुछ कह सकूँ या लिख सकूँ... खबर बता पाना मेरे वश का नहीं रह गया है... पर आप लोगों को भी उससे अवगत कराना मुझे जरूरी लगा... ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लीक करें... अगर खबर पढ़कर आपको भी दुःख हो तो कृपया मुझे माफ़ करें....

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