भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
26.6.10
मुनव्वर राणा की एक गजल
बात -बेबात पर
1 comment:
Anonymous
27/6/10 10:30 AM
badiya hai ji
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badiya hai ji
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