विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह,उनके पुत्र एवं एक अन्य के खिलाफ पंजीबद्ध हुआ धोखाधड़ी का अपराध
राजनैतिक हल्कों में हलचल:नगर भाजपा अध्यक्ष ने मांगा स्तीफा: आला नेताओं की चुप्पी चर्चाओं में
भोपाल। कोर्ट द्वारा बार बार दिये गये निर्देश के बाद पुलिस ने विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, उनके पुत्र रजनीश सिंह एवं नियाज अली के विरुद्ध भां.दं.वि. की धारा 420,120(बी),506,294 के अंर्तगत मामला कायम कर जांच में ले लिया हैं।मामले के राजनैतिक होने एवं पुलिस की लचर कार्यवाही के चलते मामला चर्चित हो गया था। जिला पुलिस अधीक्षक ने कायमी की पुष्टि की हैं। नगर भाजपा अध्यक्ष ने हरवंश सिंह से नैतिकता के आधार पर स्तीफा मांगा हैं।भाजपा के शाीर्षस्थ नेताओं की चुप्पी सियासी हल्कों में चर्चित हैं।प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह एवं उनके पुत्र रजनीश सिंह का नाम एक जमीन खरीदी के मामले में शामिल होने पर प्रदेश में बहुचचिZत हुआ आमानाला जमीन काण्ड न्यायालय के आदेश के बाद हरवंश सिंह और रजनीश सिंह पर आपराधिक प्रकरण दजZ होने के बाद एक बार फिर प्रदेश की सुर्खियों में छा गया है। उल्लेखनीय है कि 18 मई को न्याियक दण्डाधिकारी लखनादौन के समक्ष थाना धनौरा की पुलिस चौकी सुनवारा अन्तर्गत ग्राम आमानाला निवासी मो. शाह द्वारा धारा 156/3 दण्ड संहिता अन्तर्गत इस आशय का एक परिवाद पेश किया गया कि उनकी खानदानी शामिल शरीक जमीन जिसका वह स्वयं भी हकदार है उसकी बग्ौैर जानकारी के उसके भाई नियाज अली ने सुनियोजित षडयन्त्र रचकर बेच दी तथा इस खरीदी में रजनीश सिंह एवं हरवंश सिंह भी शामिल हैं। परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि उसके भाई नियाज अली, हरवंश Çसह, रजनीश सिंह ने विरोध जताने पर ना केवल उसके साथ गाली गलौच की वरन जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी सुनवारा में करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसीलिये न्यायालय की शरण लेनी पडी, एवं निवेदन किया कि न्यायालय आरोपियों के विरूद्Ëा धारा 420, 506, 294 एवं 120(बी) भादवि अन्तर्गत अपराध पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दे। यहां यह उल्लेखनीय है कि परिवाद दायर होने की और न्यायालय द्वारा निर्देश देने के बाद ठा. हरवंश Çसह द्वारा खरीदी में शामिल होने के इस आरोप का बकायदा खण्डन भी जारी कर समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया था।
इस परिवाद पर प्रथम श्रेणी न्याियक मजिस्ट्रेट ए एस सिसोदिया लखनादौन ने सुनवाई व दण्ड संहिता 156(3) के तहत थाना धनौरा पुलिस को निर्देश दिया कि वह तीनों आरोपियों के विरूद्Ëा अपराध पंजीबद्Ëा कर जांच प्रतिवेदन 28 जून को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। 28 जून को न्यायालय में जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया उसमें आरोपी क्रमांक 1 नियाज अली के विरूद्Ëा प्रतिवेदन पेश कर धारा 294, 323, 506 अन्तर्गत अपराध पंजीबद्Ëा करना बताया गया, जबकि आरोपी क्रमांक 2 रजनीश सिंह, एवं क्रमांक 3 हरवंश सिंह का कोई उल्लेख इस प्रतिवेदन में नहीं किया गया ना ही इनके खिलाफ कोई मामला कायम किया गया।
पुलिस चौकी सुनवारा द्वारा प्रस्तुत इस प्रतिवेदन पर न्यायालय ने तुरन्त संज्ञान लिया और थाना धनौरा प्रभारी को कोर्ट के निर्देश का पालन ना करने पर फटकार लगाई तथा पुन: न्यायालय ने मो. शाह द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रतिवाद पर थाना धनौरा प्रभारी को आरोपी नियाज अली, रजनीश सिंह, हरवंश सिंह के विरूद्Ëा दण्ड संहिता 156(3)अन्तर्गत मामला पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दिये तथा यह फटकार लगाई कि इस दण्ड संहिता अन्तर्गत न्यायालय द्वारा जिन जिन व्यक्ति के विरूद्Ëा मामला पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दिये जाते हैं उसके विरूद्Ëा मामला पंजीबद्Ëा किया ही जाना चाहिये वह दोषी है या नहीं यह अन्वेषण के बाद पुलिस द्वारा प्रषित किये जाने वाले प्रतिवेदन में पुलिस न्यायालय को बता सकती हें लेकिन निर्णय कोर्ट ही करेगा। न्यायालय ने थाना प्रभारी को 28 जुलाई 2010 तक तीनों आरोपियों के विरूद्Ëा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया।
पुलिस चौकी सुनवारा प्रभारी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत प्रतिवेदन की खबर जब जिला एवं प्रदेश के राजनैतिक हल्कों एवं पि्रंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लगी तो आमानाला जमीन काण्ड एक बार फिर चचाZ में आ गया। पुलिस की इस कार्यवाही पर तरह तरह की चचाZयें व्याप्त हो गईं। साथ ही न्यायालय के निर्देश के बावजूद पुलिस चौकी प्रभारी के प्रतिवेदन को लेकर यह कयास लगाये जाने लगा कि अब न्यायालय के निर्देश भी राजनैतिक दबाव के सामने बेमानी से हो गये हैं।
गत 28 जून को न्यायालय द्वारा थाना प्रभारी धनौरा के डी गौतम को लगायी फटकार तथा राजनैतिक हल्कों और पि्रंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्याप्त चचाZओं के बाद थाना प्रभारी धनौरा ने आरोपी क्र. 1 नियाज अली, 2 रजनीश सिंह एवं 3 हरवंश सिंह के विरूद्Ëा धारा 420, 120(बी), 294, 506 का प्रकरण कायम कर लिया गया है। प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह एवं उनके ज्येष्ठ पुत्र ठा. रजनीश सिंह के विरूद्Ëा दजZ इस प्रकरण की भनक लगते ही आमानाला जमीन काण्ड एक बार फिर प्रदेश की सुर्खियों में छा गया है।जिला पुलिस अधीक्षक सिवनी डॉ. रमनसिंह सिकरवार ने मामले के पंजीबद्ध किये जो की पुष्टि प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में कर दी हैं। पेशी के दिन 28 जून 2010 को कोर्ट से जांच के लिये समय लेने के बाद उसी दिन याने 28 जून को मामले के पंजीबद्ध किये जाने की पुष्टि की गई हैं। जबकि कोर्ट के निर्देश के बाद भी पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर कोर्ट को सूचित करने के बजाय समय मांगा था।सिवनी के नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी ने एक बयान जारी करके नैतिकता के आधार पर हरवंश सिंह से विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से स्तीफा दने की मांग की हैं। तिवारी ने विस अध्यक्ष,मुख्यमन्त्री और नेता प्रतिपक्ष से भी आग्रह किया है कि वे हरवंश सिंह से स्तीफा ले लें। इस मामलेे में आला भाजपा नेताओं की चुप्पी राजनैतिक हल्कों में चर्चित हैं। मालगुजार ने खैरात में फकीर को दी थी जमीन
भोपाल। बहुचर्चित आमानाला जमीन घोटाले में विवादित जमीन के बारे में बताया जाता हैं कि यह जमीन अंजनिया के मालगुजार मरहूम जनाब फेलकूस मोहम्मद खॉन ने विक्रेता के पूर्वजों को, जो कि फकीर थे, खैरात में जमीन दी थी। अपनी मेहनत के कमा कर उन फकीरों ने मालगुजार से कुछ और जमीन बाद में खरीदी थी। मालगुजार द्वारा खैरात में फकीर को दी गई जमीन बिक्री के विवाद में जिले के इकलौते इंका विधायक ठा. हरवंश सिंह का नाम आने से लोगों के बीच तरह तरह की चर्चायें व्याप्त हैं।
धारा 420 का पहला आरोप नहीं हैं हरवंश सिंह पर
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरवंश पर धोखा दने के आरोप लगने का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। आज से 26 साल पहले पिछड़े वर्ग की एक विधवा महिला ने अपने वकील हरवंश सिंह पर जमीन हड़प लेेने का अरोप लगाते धारा 420 के तहम परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था।सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाओं ने बकोड़ा सिवनी सहकारी समिति के आदिवासियों को डीजल पंप सप्लायी ना कर धोखा दने के आरोप को सही पाते था सिवनी को फर्म के पार्टनर हरवंश सिहं के विरुद्ध धारा 420 का मामला दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री सुन्दरलाल पटवा ने झूठे शपथपत्र देकर प्रदेश के जिन मन्त्रियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगयाी थी उनमें भी हरवंश सिंह शामिल थे। माननीय उच्च न्यायालय ने भी सरकार को जांच कर कार्यवाही रिने के निर्देश दिये थे।इंका विधायक हरवंश सिंह के विरुद्ध वर्तमान धोखाधड़ी का मामला न्यायलय के निर्देश पर कायम किया गया हैं।
बाजार मूल्य से आधी कीमत पर खरीदी गई हैं जमीन
भोपाल। घंसौर तहसील के ग्राम आमानाला पटवारी हल्का नंबंर 54/41 की 10.47 हेक्टेयर याने लगभग 21 एकड़ विवादित जमीन की रजिस्ट्री सादक सिवनी निवासी रवि नारायण शर्मा के नाम हुयी हें। उन्होंने यह जमीन विक्रेता नियाज अली एवं अन्य से 4 लाख 50 हजार रुपये में खरीदी हैं। इस जमीन का बैनामा 21 जनवरी 2010 को लखनादौन में हुआ हैं। इस जमीन का कलेक्टर द्वारा निर्धारित कीमत 9 लाख 24 हजार रुपये है। बाजारू कीमत से लगभग आधी कीमत पर एक अनजान व्यक्ति शर्मा के नाम जमीन के बैनाम को हो जाने से तरह तरह की चर्चाओ में एक चर्चा यह भी हें कि कहीं यह बेनामी सौदा तो नहीं हैं।
राजनैतिक हल्कों में हलचल:नगर भाजपा अध्यक्ष ने मांगा स्तीफा: आला नेताओं की चुप्पी चर्चाओं में
भोपाल। कोर्ट द्वारा बार बार दिये गये निर्देश के बाद पुलिस ने विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, उनके पुत्र रजनीश सिंह एवं नियाज अली के विरुद्ध भां.दं.वि. की धारा 420,120(बी),506,294 के अंर्तगत मामला कायम कर जांच में ले लिया हैं।मामले के राजनैतिक होने एवं पुलिस की लचर कार्यवाही के चलते मामला चर्चित हो गया था। जिला पुलिस अधीक्षक ने कायमी की पुष्टि की हैं। नगर भाजपा अध्यक्ष ने हरवंश सिंह से नैतिकता के आधार पर स्तीफा मांगा हैं।भाजपा के शाीर्षस्थ नेताओं की चुप्पी सियासी हल्कों में चर्चित हैं।प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह एवं उनके पुत्र रजनीश सिंह का नाम एक जमीन खरीदी के मामले में शामिल होने पर प्रदेश में बहुचचिZत हुआ आमानाला जमीन काण्ड न्यायालय के आदेश के बाद हरवंश सिंह और रजनीश सिंह पर आपराधिक प्रकरण दजZ होने के बाद एक बार फिर प्रदेश की सुर्खियों में छा गया है। उल्लेखनीय है कि 18 मई को न्याियक दण्डाधिकारी लखनादौन के समक्ष थाना धनौरा की पुलिस चौकी सुनवारा अन्तर्गत ग्राम आमानाला निवासी मो. शाह द्वारा धारा 156/3 दण्ड संहिता अन्तर्गत इस आशय का एक परिवाद पेश किया गया कि उनकी खानदानी शामिल शरीक जमीन जिसका वह स्वयं भी हकदार है उसकी बग्ौैर जानकारी के उसके भाई नियाज अली ने सुनियोजित षडयन्त्र रचकर बेच दी तथा इस खरीदी में रजनीश सिंह एवं हरवंश सिंह भी शामिल हैं। परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि उसके भाई नियाज अली, हरवंश Çसह, रजनीश सिंह ने विरोध जताने पर ना केवल उसके साथ गाली गलौच की वरन जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी सुनवारा में करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसीलिये न्यायालय की शरण लेनी पडी, एवं निवेदन किया कि न्यायालय आरोपियों के विरूद्Ëा धारा 420, 506, 294 एवं 120(बी) भादवि अन्तर्गत अपराध पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दे। यहां यह उल्लेखनीय है कि परिवाद दायर होने की और न्यायालय द्वारा निर्देश देने के बाद ठा. हरवंश Çसह द्वारा खरीदी में शामिल होने के इस आरोप का बकायदा खण्डन भी जारी कर समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया था।
इस परिवाद पर प्रथम श्रेणी न्याियक मजिस्ट्रेट ए एस सिसोदिया लखनादौन ने सुनवाई व दण्ड संहिता 156(3) के तहत थाना धनौरा पुलिस को निर्देश दिया कि वह तीनों आरोपियों के विरूद्Ëा अपराध पंजीबद्Ëा कर जांच प्रतिवेदन 28 जून को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। 28 जून को न्यायालय में जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया उसमें आरोपी क्रमांक 1 नियाज अली के विरूद्Ëा प्रतिवेदन पेश कर धारा 294, 323, 506 अन्तर्गत अपराध पंजीबद्Ëा करना बताया गया, जबकि आरोपी क्रमांक 2 रजनीश सिंह, एवं क्रमांक 3 हरवंश सिंह का कोई उल्लेख इस प्रतिवेदन में नहीं किया गया ना ही इनके खिलाफ कोई मामला कायम किया गया।
पुलिस चौकी सुनवारा द्वारा प्रस्तुत इस प्रतिवेदन पर न्यायालय ने तुरन्त संज्ञान लिया और थाना धनौरा प्रभारी को कोर्ट के निर्देश का पालन ना करने पर फटकार लगाई तथा पुन: न्यायालय ने मो. शाह द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रतिवाद पर थाना धनौरा प्रभारी को आरोपी नियाज अली, रजनीश सिंह, हरवंश सिंह के विरूद्Ëा दण्ड संहिता 156(3)अन्तर्गत मामला पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दिये तथा यह फटकार लगाई कि इस दण्ड संहिता अन्तर्गत न्यायालय द्वारा जिन जिन व्यक्ति के विरूद्Ëा मामला पंजीबद्Ëा करने के निर्देश दिये जाते हैं उसके विरूद्Ëा मामला पंजीबद्Ëा किया ही जाना चाहिये वह दोषी है या नहीं यह अन्वेषण के बाद पुलिस द्वारा प्रषित किये जाने वाले प्रतिवेदन में पुलिस न्यायालय को बता सकती हें लेकिन निर्णय कोर्ट ही करेगा। न्यायालय ने थाना प्रभारी को 28 जुलाई 2010 तक तीनों आरोपियों के विरूद्Ëा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया।
पुलिस चौकी सुनवारा प्रभारी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत प्रतिवेदन की खबर जब जिला एवं प्रदेश के राजनैतिक हल्कों एवं पि्रंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लगी तो आमानाला जमीन काण्ड एक बार फिर चचाZ में आ गया। पुलिस की इस कार्यवाही पर तरह तरह की चचाZयें व्याप्त हो गईं। साथ ही न्यायालय के निर्देश के बावजूद पुलिस चौकी प्रभारी के प्रतिवेदन को लेकर यह कयास लगाये जाने लगा कि अब न्यायालय के निर्देश भी राजनैतिक दबाव के सामने बेमानी से हो गये हैं।
गत 28 जून को न्यायालय द्वारा थाना प्रभारी धनौरा के डी गौतम को लगायी फटकार तथा राजनैतिक हल्कों और पि्रंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्याप्त चचाZओं के बाद थाना प्रभारी धनौरा ने आरोपी क्र. 1 नियाज अली, 2 रजनीश सिंह एवं 3 हरवंश सिंह के विरूद्Ëा धारा 420, 120(बी), 294, 506 का प्रकरण कायम कर लिया गया है। प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह एवं उनके ज्येष्ठ पुत्र ठा. रजनीश सिंह के विरूद्Ëा दजZ इस प्रकरण की भनक लगते ही आमानाला जमीन काण्ड एक बार फिर प्रदेश की सुर्खियों में छा गया है।जिला पुलिस अधीक्षक सिवनी डॉ. रमनसिंह सिकरवार ने मामले के पंजीबद्ध किये जो की पुष्टि प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में कर दी हैं। पेशी के दिन 28 जून 2010 को कोर्ट से जांच के लिये समय लेने के बाद उसी दिन याने 28 जून को मामले के पंजीबद्ध किये जाने की पुष्टि की गई हैं। जबकि कोर्ट के निर्देश के बाद भी पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर कोर्ट को सूचित करने के बजाय समय मांगा था।सिवनी के नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी ने एक बयान जारी करके नैतिकता के आधार पर हरवंश सिंह से विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से स्तीफा दने की मांग की हैं। तिवारी ने विस अध्यक्ष,मुख्यमन्त्री और नेता प्रतिपक्ष से भी आग्रह किया है कि वे हरवंश सिंह से स्तीफा ले लें। इस मामलेे में आला भाजपा नेताओं की चुप्पी राजनैतिक हल्कों में चर्चित हैं। मालगुजार ने खैरात में फकीर को दी थी जमीन
भोपाल। बहुचर्चित आमानाला जमीन घोटाले में विवादित जमीन के बारे में बताया जाता हैं कि यह जमीन अंजनिया के मालगुजार मरहूम जनाब फेलकूस मोहम्मद खॉन ने विक्रेता के पूर्वजों को, जो कि फकीर थे, खैरात में जमीन दी थी। अपनी मेहनत के कमा कर उन फकीरों ने मालगुजार से कुछ और जमीन बाद में खरीदी थी। मालगुजार द्वारा खैरात में फकीर को दी गई जमीन बिक्री के विवाद में जिले के इकलौते इंका विधायक ठा. हरवंश सिंह का नाम आने से लोगों के बीच तरह तरह की चर्चायें व्याप्त हैं।
धारा 420 का पहला आरोप नहीं हैं हरवंश सिंह पर
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरवंश पर धोखा दने के आरोप लगने का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। आज से 26 साल पहले पिछड़े वर्ग की एक विधवा महिला ने अपने वकील हरवंश सिंह पर जमीन हड़प लेेने का अरोप लगाते धारा 420 के तहम परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था।सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाओं ने बकोड़ा सिवनी सहकारी समिति के आदिवासियों को डीजल पंप सप्लायी ना कर धोखा दने के आरोप को सही पाते था सिवनी को फर्म के पार्टनर हरवंश सिहं के विरुद्ध धारा 420 का मामला दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री सुन्दरलाल पटवा ने झूठे शपथपत्र देकर प्रदेश के जिन मन्त्रियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगयाी थी उनमें भी हरवंश सिंह शामिल थे। माननीय उच्च न्यायालय ने भी सरकार को जांच कर कार्यवाही रिने के निर्देश दिये थे।इंका विधायक हरवंश सिंह के विरुद्ध वर्तमान धोखाधड़ी का मामला न्यायलय के निर्देश पर कायम किया गया हैं।
बाजार मूल्य से आधी कीमत पर खरीदी गई हैं जमीन
भोपाल। घंसौर तहसील के ग्राम आमानाला पटवारी हल्का नंबंर 54/41 की 10.47 हेक्टेयर याने लगभग 21 एकड़ विवादित जमीन की रजिस्ट्री सादक सिवनी निवासी रवि नारायण शर्मा के नाम हुयी हें। उन्होंने यह जमीन विक्रेता नियाज अली एवं अन्य से 4 लाख 50 हजार रुपये में खरीदी हैं। इस जमीन का बैनामा 21 जनवरी 2010 को लखनादौन में हुआ हैं। इस जमीन का कलेक्टर द्वारा निर्धारित कीमत 9 लाख 24 हजार रुपये है। बाजारू कीमत से लगभग आधी कीमत पर एक अनजान व्यक्ति शर्मा के नाम जमीन के बैनाम को हो जाने से तरह तरह की चर्चाओ में एक चर्चा यह भी हें कि कहीं यह बेनामी सौदा तो नहीं हैं।
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