1.7.10

bjp demands for regignation from the post of dy speaker

भाजपा नेताओं ने नैतिकता के आधार पर विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह से इस्तीफा मांगा.
जिला भाजपा अध्यक्ष एवं नगर भाजपा अध्यक्ष ने संव्ौधानिक पद की गरिमा का दिया हवाला.
सिवनी। आमानाला भूमि प्रकरण में प्रदेश विस उपाध्यक्ष हरवंश िंसह पर धोखाधडी के मामले में 420 जैसी गम्भीर धाराओं पर प्रकरण दजZ हो जाने के पश्चात् उन्हें नैतिकता के आधार पर तत्काल विधानसभा उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिये। जिला भाजपा की ओर से जिलाध्यक्ष सुजीत जैन, सांसद के डी देशमुख, राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ ढालसिंह बिसेन, सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया, प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं विधायक श्रीमती शशि ठाकुर, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर, बरघाट विधायक कमल मर्सकोले, सहकारी ब्ौंक अध्यक्ष अशोक तेकाम, नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी एवं पार्टी पदाधिकारियों द्वारा इस आशय की मांग हरवंश सिंह से की जाने के साथ ही प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय को फैक्स भेजकर हरवंश सिंह को तत्काल विधानसभा उपाध्यक्ष पद से मुक्त करने की मांग भी की गई।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुजीत जैन द्वारा सिह से इस्तीफे की मांग करते हुये कहा गया है कि विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे संव्ौधानिक पद लोगों के आदर्श होते हैं सिंह इस उच्च पद पर विराजमान हैं और उन पर एैसे प्रकरण पहली बार दजZ नहीं हये हैं इसके पूर्व भी वे मारपीट एवं जानलेवा हमले के मामलों में धारा 307 के आरोपी रह चुके हैं आमानाला प्रकरण में जमीन खरीदी के मामले में उन पर धोखाधडी का प्रकरण दजZ हुआ था जो कि एक गम्भीर अपराध है। अत: उन्हें इस प्रकरण के निराकरण होने तक अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये ताकि न्याय प्रक्रिया बिना किसी दबाव के पूरी हो सके।
भाजपा मीडिया प्रभारी द्वारा कहा गया है कि संव्ौधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन करते हुये हरवंश सिंह इसके पूर्व भी प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र का बहिष्कार कर चुके हैं कि उनके लियेे पार्टी इस संव्ौधानिक पद से बडी है उनके इस बयान पर आपत्ति जताते हुये जिला भाजपा द्वारा उनसे नैतिकता के नाते इस्तीफे की मांग की गई थी तब श्री सिंह ने घोषणा की थी कि वे भाजपा जिलाध्यक्ष सुजीत जैन से नैतिकता का पाठ पढेंगे। श्री सिंह ने अपनी घोषणा के बाद कभी भी नैतिकता का पाठ सीखने की कोशिश नहीं की। यदि अपनी घोषणा के अनुरूप उन्होंने नैतिकता का पाठ सीख लिया होेता तो आज उनसे पुन: इस्तीफा मांगने की आवश्यक्ता नहीं पडती।
पार्टी की विज्ञिप्त में कहा गया है कि श्री सिंह ने नैतिकता का पाठ भाजपा जिलाध्यक्ष से सीखने की घोषणा की थी तभी सिद्ध हो गया था कि कांग्रेसियों में नैतिकता पूर्णतया समाप्त हो गई है। इसी वजह से उन्हें भाजपा जिलाध्यक्ष से नैतिकता का पाठ सीखने की आवश्यकता पड गई थी। श्री सिंह के एैसे बयानों से यह भी प्रमाणित हो गया है कि अपने लंबे राजनैतिक जीवन में उन्होंने कभी भी ना तो नैतिकता सीखी ना ही कभी उसका पालन किया।
इसी तारतम्य में नगर भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी ने जारी विज्ञिप्त में कहा है कि पूर्व में प्रदेश की तीन-तीन विभागों के मन्त्री रह चुके और वर्तमान में मप्र विधानसभा के उपाध्यक्ष जैसे गरिमामय पूर्ण संव्ौधानिक पद पर रहते हुये उनके विरूद्ध धोखाधडी तथा मारपीट और जान से मारने की धमकी जैसे गम्भीर अपराध का दजZ होना संव्ौधानिक पद एवं जनप्रतिनिधि की गरिमा के विपरीत है। एैसी स्थिति में ठा. हरवंश सिंह को स्वयं नैतिकता के आधार पर संव्ौधानिक पद से त्याग पत्र दे देना चाहिये। श्री तिवारी ने कहा है कि इस मामले के पूर्व भी श्री सिंह के विरूद्ध वर्तमान भाजपा विधायक श्रीमती नीता पटेरिया की रिपोर्ट पर बण्डोल थाने में एक प्रकरण दजZ कराया गÄ(ाा था जिसका चालान भी आज तक पेश नहीं हो सका है। श्री तिवारी ने प्रदेश के राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमन्त्री,नेता प्रतिपक्ष के अलावा प्रदेश भाजपाध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में संव्ौधानिक पद की गरिमा बनाये रखने हेतु उचित कार्यवाही की मांग की है।

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