16.8.10

क्या जलवे हैं प्रेस वालों के!


3 comments:

  1. jalwe to hain, magar fargiwada karne walon k,

    iss tarah se bike k pichay likhwane wale log we hotey hain jo ya to naye naye stringer bane ho, ya ussey bhi nichay samwaad sutr bina paison k kaam karne wale, kuch chapdasi giri sa safai ka kaam karne wale log bhi aisa karte hain, taaki dusron par apni dhowns dikha sake.

    reporting ko gambhirta se lene wala iss tarah se na to apne sansthaan ka mazaak udata hai or na hi kanoon ka.

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  2. जलवे ही जलवे हैं।

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  3. आदरणीय भाईसाहब सबसे पहले तो क्या जलवे है प्रेसवालों के पोस्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद| जिस जगह बाइक का नंबर होना चाहिए वहाँ संसथान का लोगो, ये तो कानून का सरासर उल्लंघन है और वो भी दिल्ली जैसी जगह| लोगों पर झूटी धोंस ज़माने वाले लोग ऐसा करते हैं| जो वास्तव में पत्रकार होते हैं वे ऐसा कभी नहीं करते| या फिर नया मुल्ला जोर से बांग देता है वाली कहावत आपने भी सुनी होगी नए पत्रकार ऐसा कर सकते हैं| कोई स्थापित पत्रकार ऐसा दिखावा कभी नहीं करता|

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