14.8.10
दिल्ली में "पतंगी मौसम"
दिल्ली में इन दिनों पतंगो का काफी क्रेज देखा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यहां पर ऐसा पहली बार हो रहा है। यहां अगस्त महीने के आस पास पतंगो से पूरा आसमान पटा रहता है। हर जगह बस पतंग ही पतंग नजर आती है। खासतौर पर १५ अगस्त और रक्षाबंधन के दिन यहां खूब पतंगे लहराती है। क्योंकि इस दिन लोगों की छुट्टी होती है और वो इसका पूरा मजा लेते है। आपको बता दे कि दिल्ली में पतंगबाजी को शौक लोगों में उतना ही है जितना देश के अन्य भाग के लोगों का होता है। लेकिन हां ये क्रेज हर जगह अपने समय पर ही परवान चढ़ता है। कोलकाता में मकर संक्राती के समय, मुम्बईं में गणपती पूजन के समय पतंगे उड़ायी जाती है। देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों में १५ अगस्त और रक्षाबंधन के दिन पतंगबाजी होती है। इस दिन पतंग उड़ाने के लिए लोग काफी बेताब रहते है। स्वतंत्रता दिवस के रुप में तिरंगे की पतंग काफी बिकती है। आकाश में १० पतंगों में ५ से ६ पतंगे तिरंगे की होती है। वाकई लोगों में तिरंगे वाली पतंग उड़ाने की होड़ सी मची रहती है। इस बहाने से कम कम वो देश के प्रति एकजुट तो दिखाई देते है। एक एक छत से ही ३ से ४ पतंगे उड़ना मामूली बात होती है। ऐसे में पेंच्चे (पतंगों को लड़ना) होने पर घर के छोटे बच्चे काफी खुश होते है। यहीं नहीं वो पतंगों को लूटने की भरपूर कोशिश करते है। मांजा और सद्दी (सफेद धागा) लूट कर इकट्ठा करते है। जिन्हें वो अगले दिन उड़ाते है। पेंचों के दौरान मुझे उस समय काफी मजा आता है जब पतंग काटने वाला जोर से चिल्ला कर आईबो चिल्लाता है। (यानि अपनी फतह का डंका) दिल्ली में हर तरह की पतंगे मिलती है। आज भी यहां ५० पैसे की पतंग उड़ाने के लिए मिल जायेगी। हर वर्ग को ध्यान में रखकर पतंग निर्माता अलग अलग दामों और खासीयत की पतंगे तैयार करते है। ५० पैसे से लेकर ५०० रुपये की पतंगे बाजार में उपलब्ध है। दिल्ली में पतंगो के कारोबार का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है कि इस मौसम में करोड़ो रुपयों का वारा न्यारा होता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इलाके जैसे रघुबरपुरा, सीलमपुर, वेलकम, जामिया नगर, विजय नगर, कैला भट्टा ओल्ड फरीदाबाद, गुड़गांव आदि ऐसे क्षेत्र है जहां पर कभी कभी आसमान को साफ देख पाना भी मुश्किल हो जाता है। क्योंकि पूरा गगन पतंगों से धका रहता है। हालांकि मैं खुद पंतगबाज नहीं हूं लेकिन अगर मौका मिलता है तो पंतग उड़ा लेता हूं। मुझे भी पतंग उड़ाना पसंद है।
अगर आपने कभी पतंग नहीं उड़ायी है तो चाहुंगा कि इस से मिलने वाले मजे को कम से कम एक बार जरूर लें। लेकिन पतंग उड़ाने में सावधानियों विशेष ध्यान रखें।
धन्यवाद
सूरज सिंह।
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