30.8.10

अलोक एम इन्दोरिया के मार्गदर्शन मैं परिवार टुडे हुआ बेहतर

ग्वालियर से प्रकाशित हिंदी दैनिक परिवार टुडे शुरुआत मैं तो कुछ खास नहीं कर पाया सिवाय गेटउप मेकउप के लेकिन कुछ दिनों से या य़ू कह लीजिये की जब से आलोक इन्दोरिया संपादक के रूप मैं परिवार टुडे मैं आये है। तब से इस अखबार के दिन फिर गए है। अखबार अलोक इन्दोरिया के मार्गदर्शन मैं बेहतरी की और अगर्सर है। अभी कुछ दिनों से परिवार टुडे मैं खबरों मैं भी सुधर हुआ है। परिवार टुडे की कुछ ख़बरों ने तो पुलिस प्रशाशन और राजनैतिक माहोल को गरमा दिया है।
परिवार टुडे के पूर्व संपादक बालेन्दु मिश्र के जाने के बाद ऐसा लग रहा था की परिवार टुडे की टीम शायद ही किशी नए संपादक को सहयोग करेगी। लेकिन अब लगता है की aलोक इन्दोरिया ने टीम की पूरी बागडोर अपने कुशल हाथों मैं ले ली है। जिस कारन परिवार टुडे मियन पहले से सुधर हुआ है। अन्यथा लोग तो ये कहने लगे थे की परिवार टुडे का हश्र भी आदित्यज की तरह ही होगा। लेकिन आलोक इन्दोरिया ने इन सभी बातों को गलत साबित कर दिखाया। उन्होंने दुनिया को बता दिया की हिम्मते मर्दन ते मदद ऐ खुदा।
इन्दोरिया जी आपको और आपकी टीम को हमारी शुभकामनायें । लगे रहो मुन्ना भाई.

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