आईपीएल वाले मोदी तो शहीद हो गए, अब बारी है कामनवैल्थ वाले कलमाड़ी की। हमारी सरकार ने इन घटनाओं से सराहनीय सबक लिया है। उसने सतर्कता के साथ घोषणा कर दी कि वह ऐसे किसी भी खेल के आयोजन को अपने सिर नहीं लेगी जिसमें देश के इतने काबिल लोगों की बलि चढ़ जाए। आखिर मोदी और कलमाड़ी ने देश को बहुत कुछ दिया और उनका ही सार्वजनिक बहिष्कार वह भी दो कौड़ी के इन खेलों के चक्कर में यह तो बर्दाश्त करने लायक था ही नहीं। सरकार ने सापफ कर दिया कि भारत एशियाई खेलों के लिए होने वाली बोली में हिस्सेदारी ही नहीं करेगा। भाई साब! अपने देश की प्रतिभाओं के चेहरों पर स्वयं ही कालिख पोतने से तो अच्छा है कि इस प्रकार के आयोजनों को भारत में लाया ही नहीं जाए। पिफर देखते हैं कि हम पर कौन अंगुली उठाता है। अंगुली तोड़ न डालेंगे उसकी...। अब हमारा सर्वाधिकार होगा कि हम जब चाहे दूसरों का बना बनाया खेल बिगाड़ दें। वैसे भी हमारे पास ऐसे मीडिया तंत्रा तो है ही तिल का ताड़ बना दे। चैबीस घंटे तक समाचारों के नाम पर किसी की भी मुंडी मरोड़ने वाले हमारे चैनल दूसरों की कमियों को दिखाएगें तो उन्हें काम मिलेगा और हम दूसरों की छीछालेदर पर बल्लियों उछल रहे होंगे। सरकार एशियाओं खेलों की बोली में हिस्सा न लेने का ऐसा दांव खेलेगी यह तो किसी ने सोचा भी नहीं था। सचमुच धन्य हैं हमारी सरकार, न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी
तपन
सही कटाक्ष किया है आपने.
ReplyDeleteहर शाख पर उल्लू बैठा हो .............
कितनों की ही बलि ले लो. पर जब तक ये तंत्र ठीक नहीं होगा तब तक ... तब तक ऐसे उल्लू रोज़ पैदा होते रहेंगे. इस देश को बर्बाद करनते के लिए.
सही कटाक्ष किया है आपने.
ReplyDeleteहर शाख पर उल्लू बैठा हो .............
कितनों की ही बलि ले लो. पर जब तक ये तंत्र ठीक नहीं होगा तब तक ... तब तक ऐसे उल्लू रोज़ पैदा होते रहेंगे. इस देश को बर्बाद करनते के लिए.