अखिलेश उपाध्याय / कटनी
राज्य शिक्षा केंद्र की योजना के तहत स्थापित किये गए हेडस्टार्ट केंद्र अधिकांस जगह स्टार्ट नहीं हो सके. इन केन्द्रों में भेजे गए कम्पूटर, इनवर्टर कई केन्द्रों में प्रभारी अधिकारिओ के घर की शोभा बढ़ा रहे है तो कुछ जगह बिना चालू हुए ही कबाड़ की स्थिति में पहुच चुके है. फिर भी शासन को भेजे जा रहे आकड़ो में हेडस्टार्ट केन्द्रों से लाभान्वित होने वाले बच्चो की संख्या हजारो में है.
हर साल लाखो रुपयों का गोलमाल
रखरखाव के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा हर साल दस हजार की राशी भी दी जा रही है जिसे सम्बंधित अधिकारी बराबर आहरित कर रहे है. हद तो यह है की राजीव गाँधी शिक्षा मिसन के डी पी सी व अन्य अधिकारिओ ने कभी इन केन्द्रों की जाँच करने और नियमित संचालित करने की जरूरत महसूस नहीं की. जबकि भोपाल स्तर से चल रही मानिटरिंग के तहत कटनी पहुचे अधिकारिओ ने जाँच के दौरान कैमोर के खल्वारा बाजार तथा ढीमर खेडा विकासखंड के कई केन्द्रों की बदतर स्थिति खुद देखी है. इस दौरान कुछ जगह कम्पूटर घरो में पाए गए थे तो अधिकांश जगह तो बंद ही पड़े है.
करोडो के वारे न्यारे
राज्य शिक्षा केंद्र ने वर्ष 2007 में जिले के विकासखंडो में 67 केन्द्रों की स्थापना की थी जिन पर छेह करोड़ चोहत्तर लाख ईकीस हजार रूपये खर्च किये थे. प्रत्येक केंद्र को तीन कम्पूटर व यु पी एस बैटरी उपलब्द्ध कराई गई थी. राज्य शिक्षा केंद्र ने हेडस्टार्ट केन्द्रों को अलग से कक्ष तथा फर्नीचर सहित अन्य सुविधाए भी मुहैया कराई थी.
लाभान्वितो के फर्जी आकडे
बहोरिबंद विकासखंड के बचैया निवासी मनोज तिवारी को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दी गई जानकारी में विभाग ने बताया है की वर्तमान में चालू साठ हेडस्टार्ट केन्द्रों से अब तक जिले के पांच हजार चार सौ चौवन छात्र अव तक योजना से लाभान्वित हुए है. इनमे बडवारा के 756 , बहोरिबंद के 668 , ढीमरखेडा के 927 , कटनी के 1410 , रीठी के 711 और विजयराघव गढ़ के 982 छात्र शामिल है. मगर राजीव गाँधी शिक्षा मिसन इन छात्रो की सूची नहीं दे पा रहा है जिससे पता चलता है की कागजो में फर्जी आकडे दर्ज किये गए है.
नए केन्द्रों का पता नहींराज्य शिक्षा केंद्र ने पत्र क्रमांक ई ई सी/हेद्स्तार्ट/2010 /4934 दिनांक 01 .07 .2010 के जरिये नए हेडस्टार्ट केन्द्रों के लिए चौदह हजार रूपये प्रति केंद्र राशी जारी करने की सूचना दी थी. साथ ही पुराने केन्द्रों के उन्नयन हेतु दस हजार अलग से जारी किये गए थे. इस पत्र में नए केन्द्रों की स्थापना के मापदंड भी तय करके भेजे गए थे मगर अब तक नए केद्रो की स्थापना नहीं की गई है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक नए केंद्र अब तक नहीं खोए जा सके है.
डी पी सी अनजान
कटनी में पदस्थ डी पी सी सुधीर उपाध्याय ने बताया की हेडस्टार्ट केन्द्रों में कम्पुटर प्रशिक्षित शिक्षको की बेहद कमी है. जिसके कारण कई केन्द्रों के सञ्चालन में परेशानी आ रही है . इसकी जानकारी राज्य शिक्षा केंद्र को भी भेजी गई है. जहा तक कम्पूटर घरो में पहुचने का सवाल है aisee कोई शिकायत नहीं मिली है फिर भी अधिकारिओ से इसकी जाँच करा रिपोर्ट मगाई जायेगी.
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