30.9.10

उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को राहत देने खुद गांव.गांव जार हे है. मुख्यमंत्री
पीड़ितों की मदद के भरसक प्रयास करें हर अधिकारी. निशंक
------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
पिछले दिनों उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा ने उत्तराखंड में जिस तरह से तांडव मचाया था।उसने निश्चितौर पर उत्तराखंड की विकास यात्र को कई साल पिछेधकेल दिया।लेकिन जब इस राज्य की विकास की डोर युवा नेतृत्व के हाथों में हो तो यकीन कोई भी विपदा पहाड़ के जन.मानस को बिखरने की हिम्मतन हीं दिखा सकतीहै ।यही तो डॉ ण्निशंक ने प्रदेश में इस दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों के साथ खड़े होकर उन के दुःखों को समझ कर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाकर दिखा दियाहै।इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ.रमेशपोखरियाल‘निशंक’ ने मंगलवार को चंपावत जिले के खसरा प्रभावित क्षेत्र पाटी के सुनडुंगरा गांव का दौरा कियायहांवेइस गांव में मृत 9 बच्चों के परिजनों से मिले तथा उन्हें सांत्वना दी और मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50-50 हजार रुपये तथा सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में उपचार हेतु भर्ती दो बच्चों के परिजनों को 10-10 हजार रूपये की धनराशि के चैक भेंट किए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि सुनडुगरा गावं में हुई इस घटना की जांच कर तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराये। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि क्षेत्र में विकास कार्यों को और गति प्रदान की जाय, जिसका अनुश्रवण वे स्वयं तथा मुख्य विकास अधिकारी करें। उन्होंने कहा कि वे पुनः क्षेत्र का भ्रमण करंेगे और विकास कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।इसक्षेत्रमेंजूनियर हाई स्कूल सुनडुंगरा में आयोजित कार्यक्रम में प्रभावित परिवारों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों से उन्हें बहुत लगाव है। कपकोट सुमगढ़ की त्रासदी की बात करते हुये उन्होंने कहा कि लोगों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य बनाये रखना चाहिए तथा सरकार द्वारा जो भी सहायता हो सकती है, उसके लिए त्वरित गति से कार्य किया जायेगा। जनपद में डॉक्टरों की कमी पर उनका कहना था कि जनपद की चिकित्सा व्यवस्था की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी का दायित्व है तथा किसी भी प्रकार की आपदा या संक्रामक रोग बीमारी के लिए डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अन्यत्र स्थानों से डॉक्टरों को बुलाया जाना चाहिए, ताकि प्रभावितों को यथाशीघ्र चिकित्सा सुविधा दी जा सके।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों से कहा कि जिलाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय टीम बनाकर आपदा के राहत कार्यों में मिलजुल कर कार्य कर प्रभावितों को तुरन्त सहायता दिलवाये जाने का प्रयास किया जा रहा हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में न्याय पंचायत स्तर तक अटल आदर्श गांव बनाये गये हैं। इन गांवों में निर्धारित 16 बिन्दुओं के आधार पर सभी आवश्यक सुविधाऐं प्रदान कर इनका कायाकल्प करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गांव के अन्तिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाना प्रशासन का कार्य है तथा उसमें सभी प्रकार की समस्याओं के निराकरण हेतु धन की व्यवस्था करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि जनपद में आपदाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए टीम वर्क के रूप में हम सबको कार्य करना होगा। आपदा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 1250 सड़के ,हजारों गांव, खेत-खलिहान तो तबाह हुए ही है साथ ही 170 लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ा है। इसलिए संकट की इस घड़ी में हम सब लोगों को एकजुट होकर प्रभावितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।इसीकेसाथपार्टी ब्लॉक सभागार में आम जनता से रूबरू होते मुख्यमंत्री निशंक ने लोगोंको आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में सभी आपदा प्रभावितों को राहत राशि उपलब्ध कराई जायेगी।इसीकेसाथमुख्यमंत्रीनिशंकनेऊधमसिंह नगर जनपद की सितारगंज तहसील के ग्राम बिचुवा, टुकडी, शक्तिफार्म एवं आस पास के क्षेत्रों में बाढ़ एवं जल भराव से हुये नुकसान का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने जिलाधिकारी डॉ. बी.वी. आर सी पुरुषोत्तम को युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाने के साथ ही बाढ़ से होने वाली बीमारियों के प्रति पूरी सतर्कता बरतनें के निर्देश दिये। डॉ. निशंक ने भ्रमण के दौरान नानकमत्ता पहुंचने पर गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब में मत्था टेका। गुरूद्वारे में डेरा कार सेवा के बाबा तरसेन सिंह ने उनको सरोपा भेंट किया। उन्होंने हैलीपेड पर कहा कि पहली बार पूरे प्रदेश में एक साथ दैवीय आपदा आयी है, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हुई तथा भारी मात्रा में परिसम्पत्तियों के नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत देने एवं सरकारी परिसम्पत्तियों को सेवा योग्य बनाने की चुनौती सामने हैं उन्होंने कहा कि सरकार संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुये युद्ध स्तर पर राहत कार्य चला रही है। अवरूद्ध मार्गो को खोलने तथा पेयजल व्यवस्था को सुचारू करने के लिये तेजी से कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों की हर सम्भव मदद की जायेगी।दैवीयआपदासेघिरेउत्तराखंडमेंसड़कयातायातऔरराहतकैम्पों केसंबंधमेंमुख्यमंत्रीनिशंककेनेबतायाकिराज्य में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत कैम्प स्थापित किये गये हैं। उनमेंऔरबाढ़सेप्रभावितक्षेत्रोंमेंराहत सामग्री पहुॅचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। सभी राहत शिविरों में आवश्यक खाद्य सामग्री पहुॅचा दी गयी है और सम्बन्धित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी के माध्यम से उसका वितरण भी किया जा रहा है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रसोई गैस की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर कराई जा रही है। आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आपदा के कारण जो भी मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है उन्हें ठीक करने के साथ ही क्षतिग्रस्त पेयजल लाईनों को ठीक कराने का नाम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं एवं दवाईयों को दूरस्थ क्षेत्रों में प्रभावितों तक पहुॅचाया जा रहा है।सड़कमार्गकीअगरबातकरेंतोऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खोल दिया गया है साथहीऋषिकेश-केदारनाथ मोटर मार्ग भी खोल दिया गया है। अल्मोड़ा में शहर फाटक, रानीखेत, कौसानी मोटर मार्ग आवागमन के लिए खोल दिए गए हैं। इसीकेसाथ ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुक्खी टॉप में आये मलवे को हटाने का कार्य जारी है। मार्ग हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राणाचट्टी एवं जानकीचट्टी के मध्य आये मलवे को हटाने का कार्य जारी है। इसकेबावजूदअभीभीजोमार्गइसआपदाकीचपेटमेंआनेसेटूटचुकेथेउन सभी अवरूद्ध मार्गो को खोलने के लिये युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।मुख्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पष्ट किया हैं कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों तेजी से कार्य किया जाए ।लापर वाह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्र वाई की जाए। प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत के चेक वितरित किए जाए।साथ ही सरकार राहत राशि में जो बढ़ोत्तरी की है ए उसी के अनुसार धनराशि के चेक दिए जाए।मुख्यमंत्री निशंक की इस कार्यकुशलता को देखते हुए प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री को धन्यवाद देर ही है।क्यों कि इस दैवीय आपदा के समय में जब मुख्यमंत्री निशंक खुद प्रदेशके गांव.गांव जाकर लोगों की समस्या ओंको सुन रहे है। और उनका निवार्ण भीकर रहे है। मुख्यमंत्री ने अपने हर अधिकारी को निर्देश दिया हैं कि किसी भी किमत पर इस विपदा में फंसे लोगों को मदद मिलनी चाहिए।.
जगमोहन

No comments:

Post a Comment