सीमा परिहार परिस्थिति-वश दस्युओं के साथ रही। चम्बल के बीहङों में ही माँ बनने का सुख-सौभाग्य पाने वाली यह विशेष हस्ती अब बिग-बास में दिखाई देंगी। उस आलेख पर अपनी ट्टिपणी यह है-
भ्रमित व्यवस्थाओं की 'सीमा' , देखी है 'परिहार' ने.
समाज अपना ले फिरसे, यह चाहत की परिहार ने.
चाहत परिहार की पूरी हो ना हो, बिग बॉस में .
धन बरसेगा विज्ञापन से, ज्यादा ही बिग बॉस में.
साधक धन की चाहत ही पैदा करती हैं 'सीमा, को.
डाकू ना चाहो तो बदलो, जल्दी भ्रमित व्यवस्था को.
श्री आशीष ने एक दुर्घटना-ग्रस्त विकलांग प्रतिभा सुश्री क्षमा कुलश्रेष्ठ का परिचय भरा आलेख प्रवक्ता पर लिखा है। क्षमाजी की बनाई पेन्टिग़्ज कई लोग पसन्द कर रहे हैं। लेख में क्षमाजी का चित्र ना देकर उनकी बनाई पेंटिंग ‘ कल्प-वृक्ष’ का चित्र दिया, वाह! दिल खुश होकर लिखता है-
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