चेतावनी एक ऐसा शब्द जो किसी बड़े घटना को घटित होने से रोकने की कोशिश करता है,ये चेतावनी कहीं बोल कर तो कहीं लिख कर बकायदे सूचित की जाती है,ये विभिन्न प्रकार की चेतावनियाँ हर इन्शान को रोज मर्रा की जिन्दगी में मिलती ही रहती है,कभी बाप के द्वारा बेटे को दी जाती है तो आज के समाज में कभी बेटे द्वारा बाप को,कभी किसी दोस्त द्वारा उसके दोस्त को,तो कहीं स्कुल मास्टर द्वारा बच्चों को,कहीं गर्ल फ्रेंड द्वारा बॉय फ्रेंड को,तो कहीं बॉस द्वारा वर्कर को!यानि कुल मिला कर चेतावनी किसी घटना को घटने से रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है,…………………..आज यहाँ एक ऐसी अजीब चेतावनी जो काफी प्रचलित भी है और जिसे लोग देखते हुए भी पढने की जरुरत नहीं समझते और कुछ लोग पढने के बाद भी सिर्फ हंस कर रह जाते है को आप सभी प्रबुद्ध जनों के बिच रखने की कोशिश कर रहा हूँ जिसकी सरे आम बाजार में धज्जिया उड़ाई जाती है!
जी हाँ आज अनेकों रोज मर्रा की वस्तुओं के साथ-साथ नशीले पदार्थ भी रोज-मर्रा की वस्तु बन हर बाजार, गली,चौराहों पर आसानी से मिलते हैं और लगभग हर एक के पैकेट,शीशी के ऊपर एक छोटे से कालम के अन्दर मोटे-मोटे अछरों में यह एक चेतावनी “धूम्र पान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है,तम्बाकू खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है,मदिरा/एल्कोहल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है”देखने को आसानी से मिल जाता है,और कही कहीं तो उस के साथ ही डैंजरस का निशान भी बना होता है,दरअसल ये वो चेतावनिया होती है जो किसी अनमोल जिन्दगी को सुरक्छित करने के लिए उस पाकेट पर प्रिंट की जाती हैं, पर यहाँ हैरान करने वाली बात ये है की बिकने वाला सामान भयानक/जानलेवा है, फिर भी जनता को इसकी बाकायदा जानकारी देते हुए उसके बीच उपलब्ध कराया जाता है,अब जाहिर सी बात है की बाजार में जनता के बिच इसे इस्तेमाल करने के लिए ही उतरा जाया जाता होगा शायद सो पिस बना कर घर में रखने के लिए तो नहीं,………………………….फिर यहाँ पर उन वस्तुओं के पैकेटों पर लिखे इन चेतावनियों का मतलब क्या है,कंपनियों द्वारा ये क्यों लगाया जाता है इसको लिख कर जनता के सामने क्या दर्शाने की कोशिश की जाती है…………………..अगर यह नशीले पदार्थ स्वाश्य के लिए हानिकारक या भयानक है तो फिर इसे मार्केट में लोगों के बिच उतारने की जरुरत ही क्या है,और अगर यह नशीले पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम काजू,किसमिस,बादाम या अन्य टोनिक जैसी चीजों से बढ़ कर लाभप्रद हैं तो फिर इनके ऊपर ये चेतावनी लिखने की आवश्यकता ही क्या है,……………….आखिर इनको बनाने वाले उन कम्पनी वालों के पास कौन सी मज़बूरी होती है जो बिना लिखे ऐसा पदार्थ बाजार में नहीं उतारते,अगर उनको ऐसा करने के लिए कहीं से परमिशन दिया जाता है तो फिर ये जानकारी होते हुए की ये पदार्थ जानलेवा है पर यह एक छोटी सी लाइन को लिख कर बेचने की परमिशन ही क्यों दी जाती है,और फिर ये बात तो कतई समझ में नहीं आता की एक जगह यह हानिकारक भी है और दूसरी जगह लोगो को सेवन करने के लिए उनके बिच एक चेतावनी के साथ रख भी दिया जाता है!
कुछ दिनों पहले एक लड़की के द्वारा उसके स्कुल में हो रहे कार्यक्रम में नशा के ऊपर ही एक स्पीच बोला जा रहा था,सौभाग्य वस मै भी वहां मौजूद था,वह लड़की बार-बार यही कहे जा रही थी की नशा करना बुरी बात है,लोगों को नशा नहीं करना नहीं चाहिए,नशा से परिवार बर्बाद हो जाते है,नशा से जिन्दगी नरक हो जाती है,और ऐसी तमाम बाते …………………………काफी देर तक वो लड़की ऐसी बाते कह कर जनता को जागरूक करने की कोशिश कर रही,और उधर मै बैठा उसकी बातों को गौर से सुनते हुए की एक लड़की इतना अच्छा काम कर रही है,खुश होने के साथ-साथ उस लड़की के मुख से एक लाइन सुनने के लिए परेशान हो रहा था जो आखिर अपने स्पीच के अंत में उस लड़की ने कह ही डाला की “जब ये चीजें जिन्दगी के लिए भयानक/हानिकारक हैं,तो इसे बनाने या बाजार में उपलब्ध कराने की जरुरत ही क्या है”!
जी हाँ बिलकुल,अगर इन वस्तुओं के सेवन करने के बाद होश को खोकर किसी लड़की के हरे-भरे खिलखिलाते जीवन को काला किया जाता है,किसी को सरे आम भरे बाजार में बेईज्जत किया जाता है,कहीं ख़ुशी में डूबे माहौल को गमगीन बना दिया जाता है,किसी औरत को रोज उसके मांग में सिंदूर के बने रहने की चिंता बनी रहती है,किसी ब्याभिचारी पति के द्वारा उसकी पत्नी को प्रतिदिन प्रताड़ित किया जाता है,कोई अपने बेटे,भाई,पति के इंतजार में बिना खाए अपनी खुली आँखों से उसकी प्रतिच्छा में सबेरा कर देता है और सुबह उसका बेटा,भाई या पति किसी गंदे नाले से निकलकर घर पहुँचता है,किसी मासूम के द्वारा उसके मासूमियत को ख़तम कर गंदे जीवन में प्रवेश किया जाता है,तो कोई खतरनाक कैंसर जैसी बीमारी को अपने गले से लगा बैठता है ……………………ऐसी घटनाये रोज घटित होने और देखने के बावजूद भी चेतावनी लिख बेचने का परमिसन देने वाले लोगों के पास वो कौन सी मज़बूरी होती है जो इनके उत्पाद और बेचने का परमिशन देते है,शायद ये चीजे बाज़ार में उपलब्ध ना हो तो ऐसी किसी चेतावनी को दर्शाने या कहने की जरुरत ही ना पड़े और बर्बाद हो रही जिंदगियां आबादी के रस्ते पर आने लग जाये और किसी माँ-बाप,भाई-बहन,पत्नी को ये भी किसी को ना समझाने की जरुरत पड़े की ये चीजे नुकशान दायक होती है……………………..ये नशीले पदार्थ मिठाई हो या जहर इसके सेवन से लोग बड़े बनते हों या गरीब लेकिन इसमें समाज कही ना कहीं डिसबैलेंस होता जरुर नजर आता है,ये कितना लाभप्रद है और कितना हानिकारक यह तो शायद इसके ना सेवन करने के साथ-साथ सेवन करने वाले लोग भी भली-भाती जानते ही है!
“तम्बाकू,धुम्रपान,एल्कोहल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है”
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