8.10.10

बदलना होगा इस मंजर को गर दुनिया में प्यार कायम रखनी है

अरसा बीत गया प्रेम की बात किये॥
एक लम्बा वक्त गुजर गया किसी से इश्क लड़ाए..
.कुछ सदियाँ सी बीत गयीं किसी को प्रेम भरी नजरो से देखे,,,
ज़माने हो गये प्यार से किसी की ओर मुखतिब हुए.....
जाने क्यूँ आजकल किसी की निगाह में प्यार की वो कशिश रही ही नही जो एक नजर में दीवाना बना डालती थी,,,
आज कल शैम्पू तो बाजार में खूब अच्छे अच्छे आये हैं पर जाने क्यूँ किसी के भी जुल्फे लहराने से दिन में शाम का मंजर नही दीखता,,,
आजकल आँखे तो है पर उनमे समुन्द्र सी वो रवानी नही जिसमे हम गहरे डूब जाया करते थे,,,,
उसके पास से गुजरने पर अब हवाए नही बहती,,,
फिजाये नही गुनगुनाती,,,
चिड़ियाएँ नही चहचहाती ,,
सभी खामोश हैं,,,,
,उसके आने की आहात भर से दिल के झंकार जो पहले बज उठते थे अब मौन हैं,,
उसकी हंसी से जहाँ फिजा में फब्बारे फुट पड़ते थे ,,,वे वीरान हैं,,,
,ओ नही हो रहा जैसा पहले होता था,
न वो प्यार रहा,,,
न वो प्रेमी रहे ,,
बची है तो सिर्फ एक उजड़ी हुयी दुनिया,,
जहाँ हर चीज रुकी हुयी ही
जो बढ़ रही है वो है तन्हाई,बेरोजगारी,नफरत,सियासत,
क्या ऐसे माहौल में जी पायेगा ये प्रेमी
बदलना होगा इस मंजर को अगर दुनिया में प्यार कायम रखना है,,
दोस्तों आप सबसे प्रेमी की यही गुजारिश है,,
तोड़ डालिए सारे बंधन,
,बहा दीजिये प्यार की सरिता ,,
हर दिल में प्यार बसना चाहिए,,,
क्यूँ न इसकी शुरुआत आज और अभी से करें,,,
इस प्रेमी ने तो कर दी है अब आपकी बारी है..............................

आपका एल एस प्रेमी ,,,लक्ष्मी शंकर मिश्र (पत्रकार) एक प्रेमी का ब्लॉग उसके दिल से ....

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