जी हाँ दशको से हो रहे इंतजार को ख़तम करते हुए आखिर इलाहाबाद के हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने अनेको अटकलों को साफ करते हुए एक राश्ते को दिखाने का काम किया है,फैशले ने सभी पक्छों की बातों को निस्पक्छ तरीके से साफ करने की कोशिश कर दी है! पक्छ्कारों के अनेकों दलीलों के आधार पर जिस तरह कोर्ट ने अपना फैशला सुनाया वह अपने आप में एक अति सम्मानजनक और आपसी सदभाव को मजबूत करता फैशला कहा जाना शायद बिलकुल ही सही होगा! जहाँ एक तरफ इसे अब तक का सबसे बड़ा फैशला माना जा रहा है वहीँ इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की यह फैशला अपने आप में अनेकों धर्मो में एक भाई चारे का रास्ता भी प्रसस्थ करेगा! एक बड़ी उम्मीद के साथ इसे कहना भी गलत नहीं होगा की इससे हिन्दू मुस्लिम में नजदीकियों को बढ़ावा भी मिलने की उम्मीद है! और इस फैशले से शायद अयोध्या खुद भी एक राहत की शांश लेने पे मजबूर हुआ होगा,जो एक लम्बे इंतजार में था तथा पिछले कई दशकों से किसी उम्मीद में अपनी नज़रे गडाए बैठा है,अब तो शायद पुरे देश की जनता के साथ साथ स्वंय अयोध्या की एक ही इच्छा होगी की विवादित भूमि को आबादित स्थल का रूप दिया जाय!लेकिन अयोध्या को आज भी अपनी उस विवादित भूमि की सम्पूर्ण आजादी में कहीं न कहीं कोर्ट के सम्मानित फैशले के साथ साथ हिन्दू-मुश्लिम की एकता और भाई चारे का इंतजार है जो अयोध्या के साथ साथ एक विशाल भारत के लिए हमेशा अति महत्वपूर्ण है! आज शायद पुरे भारत को सिर्फ एक ही चीज़ की भरपूर आवश्यकता है और वो है सभी धर्मों के लोंगो के बिच के आपस के प्रेम का और शायद ऐसे मौकों पर तो इसकी ज़रूरत और भी आवश्यक है जब न्यायालय द्वारा इतने बड़े फैशले को सबके सामने रखा गया हो! आज जहाँ इसी भारत में यह अनेको जगहों पर देखा जा सकता है की कहीं हिन्दू मुसलमानों के लिए तो कहीं मुस्लमान हिन्दुओ के लिए एक दुसरे के प्रति सम्मान का भाव रखने के साथ साथ एक दुसरे के मजहबों के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है तो फिर ऐसा अयोध्या में क्यों नहीं! आज यहाँ पर एक इन्शान और विशाल तथा शक्तिशाली भारत के नागरिक होने के नाते हम सभी भारतियों का चाहे वो किसी भी धर्मो से आतें हों का परम कर्तब्य ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण अधिकार भी है की एक दुसरे के प्रति सम्मान को बढ़ाते हुए तथा आपसी भेदभाव को ख़तम करने के लिए हाथ बढ़ाएं और आसमान को छू रहे इस भारत को और ऊँचा करने में सहयोग करें! जय भारत……………………
No comments:
Post a Comment