rajkumar sahu, janjgir chhattisgarh
महज ढाई फीट कद होने के बावजूद चाम्पा की कचरा बाई का हौसला देख कोई भी एकबारगी सोचने पर विवश हो जायेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि कचरा बाई, हौसले का एक नाम है। एम् ए राजनीति में शिक्षा लेने वाली कचरा बाई हर किसी से जुदा लगती है, क्योंकि उसका कद ढाई फीट है। कुदरत ने कचरा बाई को भले ही कद काठी कम दिया हो, लेकिन उसके हौसले की उड़ान के आगे यह कमजोरी नहीं बन सकी। उसने कंप्यूटर की भी शिक्षा लेकार यह साबित कर दिया है कि जहाँ चाह होती है। वहां राह खुद बन जाती है। लोगों के बीच कचरा बाई को जैसा सम्मान मिलना चाहिए, बचपन से उसके कद के नसीब नहीं हो सका । हालांकि अब वह समय बीत चूका है और वाही लोग कचरा बाई कि क़ाबलियत कि तारीफ करते नहीं थकते।
चाम्पा के नयापारा की रहने वाली कचरा बाई के परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई और तीन बहने हैं। उसका पिता और मां बीमार रहती है। इस तरह वह और उसका छोटा भाई रामचरण जैसे-तैसे परिवार कि गाड़ी को खिंच रहे हैं। कचरा बाई ने कई बार मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को रायपुर जाकर जनदर्शन कार्यक्रम में अपनी योग्यता और समस्या के बारे में बता चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने लिखित में भी उसे उसकी योग्यता के लिहाज से शिक्षाकर्मी बनाने जांजगीर-चाम्पा जिले के अफसरों को निर्देश दिए हैं, लेकिन जिले के अधिकारी हैं कि नियमों की दुहाई देकर उसे नौकरी सेने बच रहे हैं। कचरा बाई ने ना जाने कितनी बार राजधानी रायपुर और जांजगीर कलेक्टोरेट के चक्कर कटी है। अभी हाल ही में कचरा बाई जनदर्शन कार्यक्रम में जाकर मुख्यमंत्री से फिर मिली, एक बार उसे और दिलासा दिलाया गया है की उसे जल्द ही नौकरी मिल जाएगी।
कचरा बाई ने नौकरी पाने की वह योग्यता हासिल की है, जिसके बदौलत उसके परिवार जीने का सहारा मिल जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिस हौसले के साथ वह जीवन पथ पर आगे बढ़ रही है, इसमें शासन स्टार पर सहयोग की जरुरत उसे है, मगर लालफीताशाही के आगे उसका कुछ बस नहीं चल रहा है। हालांकि जिले के कलेक्टर ब्रजेश चन्द्र मिश्रा ने कचरा बाई की समस्या को देखते हुए कलेक्टोरेट में ही कोई नौकरी देने का उसे दिलासा दिया है। अब देखना होगा की जो ढाई फीट का कद रख कर समाज को सन्देश का कार्य करने वाली कचरा बाई के हित में कुछ होता है की नहीं।
महज ढाई फीट कद होने के बावजूद चाम्पा की कचरा बाई का हौसला देख कोई भी एकबारगी सोचने पर विवश हो जायेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि कचरा बाई, हौसले का एक नाम है। एम् ए राजनीति में शिक्षा लेने वाली कचरा बाई हर किसी से जुदा लगती है, क्योंकि उसका कद ढाई फीट है। कुदरत ने कचरा बाई को भले ही कद काठी कम दिया हो, लेकिन उसके हौसले की उड़ान के आगे यह कमजोरी नहीं बन सकी। उसने कंप्यूटर की भी शिक्षा लेकार यह साबित कर दिया है कि जहाँ चाह होती है। वहां राह खुद बन जाती है। लोगों के बीच कचरा बाई को जैसा सम्मान मिलना चाहिए, बचपन से उसके कद के नसीब नहीं हो सका । हालांकि अब वह समय बीत चूका है और वाही लोग कचरा बाई कि क़ाबलियत कि तारीफ करते नहीं थकते।
चाम्पा के नयापारा की रहने वाली कचरा बाई के परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई और तीन बहने हैं। उसका पिता और मां बीमार रहती है। इस तरह वह और उसका छोटा भाई रामचरण जैसे-तैसे परिवार कि गाड़ी को खिंच रहे हैं। कचरा बाई ने कई बार मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को रायपुर जाकर जनदर्शन कार्यक्रम में अपनी योग्यता और समस्या के बारे में बता चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने लिखित में भी उसे उसकी योग्यता के लिहाज से शिक्षाकर्मी बनाने जांजगीर-चाम्पा जिले के अफसरों को निर्देश दिए हैं, लेकिन जिले के अधिकारी हैं कि नियमों की दुहाई देकर उसे नौकरी सेने बच रहे हैं। कचरा बाई ने ना जाने कितनी बार राजधानी रायपुर और जांजगीर कलेक्टोरेट के चक्कर कटी है। अभी हाल ही में कचरा बाई जनदर्शन कार्यक्रम में जाकर मुख्यमंत्री से फिर मिली, एक बार उसे और दिलासा दिलाया गया है की उसे जल्द ही नौकरी मिल जाएगी।
कचरा बाई ने नौकरी पाने की वह योग्यता हासिल की है, जिसके बदौलत उसके परिवार जीने का सहारा मिल जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिस हौसले के साथ वह जीवन पथ पर आगे बढ़ रही है, इसमें शासन स्टार पर सहयोग की जरुरत उसे है, मगर लालफीताशाही के आगे उसका कुछ बस नहीं चल रहा है। हालांकि जिले के कलेक्टर ब्रजेश चन्द्र मिश्रा ने कचरा बाई की समस्या को देखते हुए कलेक्टोरेट में ही कोई नौकरी देने का उसे दिलासा दिया है। अब देखना होगा की जो ढाई फीट का कद रख कर समाज को सन्देश का कार्य करने वाली कचरा बाई के हित में कुछ होता है की नहीं।
kachra baii ko ek to yah bilkul bhi nahin sochna chahiye ki wah asamany hai wah bhi hamari tarah soch rakhne wali ek samany hi mahila hai aadmi sharir se nahin balki dimag se kary karta hai. agar kachra baai ko noukari nahin mil rahi hai to wah swayam ka koi wyawsay khol sakti hain iske liye mukhymantri se arthik madad ke liye kah sakti hain. agar nahinn to ham sab mil kar unki madad kar sakte hain. unhen aap bilkul positive rakhiye jahan chah hai wahan raah hai. vaise ham janna chahte hain ki unhone kya course kiya hai?
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