11.10.10

आज की आवश्यकता गोरक्षा एवं गोसंवर्धन

अखिलेश उपाध्याय

गाय के प्रति हम कृतज्ञ हो यही सनातनधर्म है. हमारी सामान्य सेवा से गाय क्रतग्य होती है. थोड़ी सी सेवा से गोमाता इतनी प्रसन्न और संतुष्ट होती है इतनी कृपा करती है की वह अपने सेवक को वह सब देती है जो लाखो वर्षो के कठोर तप से ऋषि महर्षि को फल मिल पता है.

रीठी में व्रजराज गौसेवा सदन के भूमि पूजन में उक्त उद्गार समिति के अध्यक्ष पंडित जयप्रकाश अवस्थी ने व्यक्त किये. रीठी जनपद पंचायत कार्यालय के पीछे निर्माण किये जा रहे इस गौशाला का भूमि पूजन करने जनपद पंचायत रीठी की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह एवं गौ भक्तो ने इस पुनीत कार्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.

व्रजराज गौसेवा सदन का मूल उद्देश्य गौ वंश के सरक्षण के लिए अनुपयोगी, वृद्ध, बूढ़े, लंगड़े, लूले मूक गोवंश को कसाइयो के हाथो में जाने से रोकना है एवं भारतीय सनातन धर्म में गौ की सेवा से मिलने वाले लाभ का प्रचार प्रसार करना है

इस अवसर पर गोसेवा पर प्रकाश डालते हुए जाने माने संस्कृत विद्वान एवं सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री धर्मदत्त उपाध्याय ने अपने उदगार में कहा की सारी समस्याओं का समाधान गोरक्षा, गोसेवा से संभव है. बिना गो सेवा एवं गो रक्षा के विश्वमंगल संभव नहीं है. जिस दिन गाय का एक बूँद रक्त भी धरती नहीं गिरेगा उस दिन सारी समस्याओं का उन्मूलन हो जाएगा. सारे विश्व का कल्याण हो जाएगा.

गौसेवा के इस पुनीत कार्य को संपन्न करने हेतु प्रमुख रूप से ग्राम पंचायत घनिया की सरपंच, नरेश सिंह, मनोज तिवारी, बल्लू पटेल, मुस्ताक खान, याजुवेंद्र सिंह राजपूत, रामनाथ, बडकू गुप्ता, लाडले पटेल एवं मदन तिवारी ने इस गौशाला को जल्द से जल्द पूर्ण करने का प्रण  लिया.

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