भड़ास blog

अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...

24.10.10

अब भूत नहीं हूँ मैं.....!!इक तलाश हूँ मैं.....!!कोई आस हूँ मैं....!!इक अधूरी प्यास हूँ मैं.....तुम्हारे आस-पास हूँ मैं....अगर आदमी हो तुम....तुम्हारा रहनुमा हूँ....गर नहीं तो तुम्हारी लाश हूँ मैं....!!अब भूत नहीं हूँ मैं...राजीव थेपड़ा में छिपी हुई कोई बात हूँ मैं....!!

मैं भूत...................नहीं..............बोल रहा हूँ..........!!!
राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) at 2:28 PM
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