भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
6.10.10
वटवृक्ष: !! मां !!
वटवृक्ष: !! मां !!
जब कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
1 comment:
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
7/10/10 10:49 AM
maa tujhey satsat naman..
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
‹
›
Home
View web version
maa tujhey satsat naman..
ReplyDelete