15.10.10

निशंक ने सचिवालय कर्मियों से विनम्रता और सदव्यवहार से कार्य करने का आहवान किया।

देहरादून 14 अक्टूबर, 2010 मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने सचिवालय परिसर में आयोजित समारोह में उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने आशा प्रकट की, कि उत्तराखण्ड राज्य खूबसूरत विचारांे के साथ आगे बढ़ाने में नव निर्वाचित संघ प्रभावी भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि शासन का महत्वपूर्ण अंग होने के कारण प्रशासन को सुदृढ़ करने की नैतिक जिम्मेदारी सचिवालय की है।यहां कार्यरत कर्मियों को नई कार्य संस्कृति के तहत कार्य कर प्रभावी संदेश देना होगा। उन्होंने सचिवालय कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य गठन के समय कम कर्मियों के साथ सचिवालय प्रशासन ने कड़ी मेहनत व लगन से कार्य किया है। यही कारण है कि विभिन्न विभागों से कर्मियों को सचिवालय में समायोजित करने में उन्होंने प्रभावी पहल की थी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने सचिवालय कर्मियों से विनम्रता और सदव्यवहार से कार्य करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि विनम्रता मानव का सदगुण है, जो क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सचिवालय कर्मियों के सहयोग से विजन-2020 के लक्ष्य को मिलजुल कर पूरा कर इसे आदर्श राज्य बनाने में सक्षम होंगे। डॉ. निशंक ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड का उदाहरण लिया जाता है, जिसके कारण यहां के कर्मियों की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुभागों का गठन तथा नियमावलियों का प्रख्यापन कर कर्मियांे की सेवाओं तथा पदोन्नति के अवसरों को निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नये आयाम हासिल किये हैं। जिसके कारण तेरहवें वित्त आयोग ने उत्तराखण्ड को कुशल वित्तीय प्रबंधन हेतु एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी है। डॉ. निशंक ने कहा कि प्रदेश की कर राजस्व आय में तीन हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो राज्य गठन के दौरान मात्र 165 करोड़ थी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हम नम्बर एक की स्थिति में हैं तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्पर्श-गंगा अभियान में इसकी महत्ता को देखते हुए लगभग 12 देशों ने इसमें जुड़ने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय 108 आपातकालीन सेवा ने लगभग 26 हजार लोगों को जीवन दान दिया है। तथा 1825 सुरक्षित प्रसव चलते एम्बुलेंस में कराकर जच्चा-बच्चा की जान बचाई है, जो अपने में एक विश्व रिकार्ड है, जिसका अनुसरण करने के लिए अनेक राज्य उत्तराखण्ड आ रहें हैं। उन्होंने कहा कि हमने राज्य गठन के बाद कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर देश में अपनी पहचान बनाई है। डॉ. निशंक ने कहा कि कुम्भ-2010 में लगभग 8 करोड़ 50 लाख लोगों को सुरक्षित महा स्नान कराकर छोटे से राज्य ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जिसकी देश-विदेश में सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मियों ने विगत दिनों आई दैवीय आपदा से लोगों को तुरन्त राहत दिलाने में महत्वपूर्ण कार्य किया है तथा प्रभावितों के स्थाई पुनर्वास के लिए भी राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मियों की मांगों के सम्बन्ध में वे भली-भांति वाकिफ हैं। उन्होंने मुख्य सचिव एवं सचिवालय प्रशासन सचिव को ज्ञापन में दिये गये मांगों को समयबद्धता से समाधान करने के निर्देश दिये, जिसमें संघ के पदाधिकारियांे को भी शामिल करने के निर्देश दिये। डॉ. निशंक ने कहा कि राज्य का निर्माण संघर्ष व बलिदानों से हुआ है। इस भावना को ध्यान रखकर हमें कड़ी मेहनत और ईमानदारी से कार्य करना होगा। तथा आलोचना एवं प्रत्यालोचना में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उन्होंने सचिवालय को पारदर्शी एवं सबल बनाने के लिए मेहनत से कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि व्यवहार व कार्य में सन्तुलन जरूरी है, क्योंकि असन्तुलन के कारण विघटन और कुप्रवृत्तियां पैदा होती है जो विकास को प्रभावित करती है। उन्होंने सचिवालय कर्मियों से कार्य का माहौल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विशेष परिस्थितियों का प्रदेश है इसलिए उन्होंने कहा कि राज्य ने विकास दर में 9.41 प्रतिशत की वृद्धि की है, जो कि शुरू में मात्र 2.9 प्रतिशत थी। सभी के सहयोग से प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 42 हजार रुपये हुई है, जो कि राज्य गठन के समय मात्र 14 हजार प्रति व्यक्ति थी। यह सब प्रदेश के कर्मियों की अथक मेहनत का परिणाम है। 09837261570

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