कटनी. केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कृषको को सिचाई हेतु स्प्रिंकलर सिस्टम ट्यूब बेल एवं अन्य कृषि उपकरणों पर दिए जाने वाले अनुदान में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारी अनुदान मिलने वाले कृषि उपकरणों एवं ट्यूबबेल के कोटेशन के आधार पर भुगतान सीधे उपकरण एवं ट्यूबबेल सप्लाई करने वाली एजेंसी को करते है.
उनमे अधिकारी भारी भ्रस्टाचार करते है. यदि कोई कृषक बीस फुट लम्बा सिचाई पाईप किसी एजेंसी से सीधे नकद रूपये देकर खरीदता है तो उसकी कीमत चार सौ बताई जाती है तथा वही पाईप अनुदान के रूप में कृषि विभाग के अधिकारियो की मिलीभगत से किसानो की 650 रूपये में दिया जाता है. जिससे कृषको को मिलने वाले अनुदान की कीमत 75 प्रतिशत से घटकर लगभग 40 प्रतिशत पर आ जाती है.
जिले के किसानो ने कलेक्टर से मांग की है की इस तरह होने वाले लाखो रूपये के भ्रस्टाचार की न केवल जाँच की जाए बल्कि इस पर तत्काल अंकुश लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाए. साथ ही ऎसी व्यस्था की जाए की कृषक अपनी इच्छानुसार जहा से चाहे वहा से सिचाई उपकरण खरीद सके एवं अनुदान की राशी सीधे कृषको के खाते में पहुचे.
हमारे देश में जहाँ भी जिस योजना में भी अनुदान दिया जा रहा है वहां भ्रष्टाचार है.इसमें सबसे बड़ी गलती जनता की है.जनता सोंचती है कि मुफ्त की चीज में अगर कोइ और भी हिस्सेदार हो भी जा रहा है तो उनके बाप के घर से कुछ थोड़े ही जाता है और इस तरह पनपता है भ्रष्टाचार.हमें यह सोंचना चाहिए की सरकार कोइ आदमी या पिरवार नहीं है बल्कि एक सिस्टम है जिसका एक हिस्सा हम भी हैं.इस तरह अनुदान की राशि हमारी है.ठीक उतनी ही अपनी जितनी निजी संपत्ति.
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