सिलीगुड़ी। खुद्दार फिल्म का यह गाना आपके जेहन में होगा ही, जिसकी एक लाइन है.. और बंगाली में बोले अमी तुमाके भालो बासी। आपके भी दिल ने भी इसे गुनगुनाया ही होगा। प्यार के इजहार की इस पवित्र लाइन को सिरफिरे प्रेमी उत्तर बंगाल में अपवित्र कर रहे हैं। बंगाल की बालाओं को तो कान में यह लाइन पड...़ते ही आतंक जैसा खौफ चेहरे पर दिखने लग रहा है। इसका कारण तीन महीने के भीतर उत्तर बंगाल में आधा दर्जन ऐसी घटनाएं हुई जिसमें अमी तुमाके भालो बासी सुनकर हां करने वाली बालाओं की जिंदगी खत्म हो गयी या गहरा सदमा लग गया है।
प्रेमी की बेवफाई के चलते अश्लील एमएमएस की शिकार हो गयी सिलीगुड़ी पालीटेक्निक की छात्रा रुम्पा साहा की मौत अभी लोग भूले नहीं थे कि पड़ोस में इससे भी बड़ी घटना ने समाज को और भी हिला दिया है। मालदा जिले के हबीबपुर में मंगलपुरा ग्राम नाबालिग आदिवासी छात्रा परानी सोरेन को निरंजन मुमू नामक एक सिरफिरे ने अमी तुमाके भालो बासी बोला। सत्रह साल की इस छात्रा ने प्यार का इजहार ठुकरा दिया तो उसके सिरफिरे आशिक ने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर आग लगा दिया। छात्रा के साथ उसकी दो बुआ भी जलकर मर गयी। सिलीगुड़ी शहर में एक नर्स सुरक्षा शर्मा ने घर के सामने रहने वाले रहने वाले लड़के ने जब अमी तुमाके भालो बासी बोला तो सिर में ना हिला दिया। इससे नाराज प्रेमी ने नर्स को दिनदहाड़े साथियों के साथ अपहरण करके फरार हो गया। पुलिस ने नेपाल सीमा पर पकड़कर सुरक्षा के जान की सुरक्षा कर दी नहीं तो पता नहीं उसके साथ क्या होगा। बंगाल में प्रेमियों का आतंक जिस कदर बढ़ रहा है, वह गुरुदेव की सरजमीं पर दाग लगाने का काम कर रहा है। प्यार को प्यार ही रहने दे इसके लेकर बंगाल के बुद्धजीवी जहां चिंतित है, वहीं आपके दिमाग में प्यार को बचाने के लिए कोई प्यार भरा आइडिया हो तो हमें बताएं। हमारी कोशिश होगी कि बंगाल में प्यार की बगियां सिरफिरे प्रेमियों के कहर से बर्बाद न होने पाए।
दिनेश चंद्र मिश्र जी के फेसबुक एकाउंट से साभार लिया हुआ...
very good keep it up
ReplyDeletethanx
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