यूजीसी ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों मे असिस्टैंट प्रोफेसर बनने की योग्यता मे एक बदलाव करते हुए अब पी।एच।डी/एम।फिल उपाधि धारकों को भी पात्र माना है तथा अनिवार्य रुप से नेट पास होने शर्त मे छूट प्रदान की है। यह जानकारी मैने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के माध्यम से प्राप्त की है। इस आशय का एक समाचार दैनिक जागरण मे 16 दिसम्बर मे भी प्रकाशित हुआ है।
उच्च शिक्षा से जुडे हुई अंशकालिक/संविदा/तदर्थ शिक्षको के लिए यह एक बडी राहत देने वाली खबर है क्योंकि पिछले कुछ दिनो पहले यूजीसी द्वारा जारी किए गये नये नियमों के अनुसार नेट पास होना अनिवार्य कर दिया था जिससे देश भर के लाखों पी।एच.डी/एम.फिल उपाधि धारकों के सामने रोजगार का संकट खडा हो गया था।
मैने जो सूचना आरटीआई के माध्यम से प्राप्त की है उसे अपने ब्लाग पर प्रकाशित करके सार्वजनिक कर दिया है ताकि देश भर मे उच्च शिक्षा से जुडे लोग इससे लाभ प्राप्त कर सकें।
पूरा मसला एवं रिपोर्ट पढने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक कीजिए। सभी मीडियाकर्मीयों से भी अनुरोध है कि इस आशय का समाचार अपने मीडिया माध्यम मे प्रकाशित करके देश भर मे बहुसंख्यक पी।एच.डी./एम.फिल उपाधि धारकों को यह राहत भरा समाचार पहुंचाने मे मेरी मदद कीजिए।
आवारा की डायरी(रिपोर्ट पढने के यहाँ क्लिक कीजिए) उच्च शिक्षा से जुडे हुई अंशकालिक/संविदा/तदर्थ शिक्षको के लिए यह एक बडी राहत देने वाली खबर है क्योंकि पिछले कुछ दिनो पहले यूजीसी द्वारा जारी किए गये नये नियमों के अनुसार नेट पास होना अनिवार्य कर दिया था जिससे देश भर के लाखों पी।एच.डी/एम.फिल उपाधि धारकों के सामने रोजगार का संकट खडा हो गया था।
मैने जो सूचना आरटीआई के माध्यम से प्राप्त की है उसे अपने ब्लाग पर प्रकाशित करके सार्वजनिक कर दिया है ताकि देश भर मे उच्च शिक्षा से जुडे लोग इससे लाभ प्राप्त कर सकें।
पूरा मसला एवं रिपोर्ट पढने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक कीजिए। सभी मीडियाकर्मीयों से भी अनुरोध है कि इस आशय का समाचार अपने मीडिया माध्यम मे प्रकाशित करके देश भर मे बहुसंख्यक पी।एच.डी./एम.फिल उपाधि धारकों को यह राहत भरा समाचार पहुंचाने मे मेरी मदद कीजिए।
आभार सहित
डा.अजीत तोमर
हरिद्वार
soochnatmak post..aabhar
ReplyDeletemere blog"kanoni gyan "par bhi aapka swagat hai..