29.12.10

मरो तो ऐसे ही मरो

मानवता के काम आओ
मनुष्यता तो है तभी
बनो परोपकारी तुम
मानव कहलाओगे तभी

दानकर्म से बड़ा
नही है पुण्य सच है ये
कर्ण है उदाहरण
दिया कवच है दान में

कर्म जो है पर हितार्थ
संकोच ना करो ज़रा
दधीची के ही त्याग से
बना है इंद्रवज्रा

नीलकंठ ने पीया था विष
धरा बचाने को
बुद्ध ने दिया था ज्ञान
हिंसा को तुम त्याग दो

मृत्यु तो है पूर्ण सत्य
पर काम ऐसे ही करो
याद जो करे सभी
मरो तो ऐसे ही मरो 

3 comments:

  1. सुन्दर भाव..नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  2. bahut hi achi bhaw wali rachna hai

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  3. sunder....nav barsh ki shubhkamna sahit ....ati sundar

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