यह प्यार तेरा बना राहवर है ;
ये कैसा नशा है तुझे क्या खबर है ।
अगर हो जरूरत तो कतरे से दिल के
मैं लिख डालूँगा वो ग़ज़ल जो तू चाहे ;
अगर रौशनी हो तो मैं मानता हूँ
जला तो हूँ मैं पर ये तेरा असर है ।
यह प्यार तेरा बना राहवर है ;
ये कैसा नशा है तुझे क्या खबर है ।
very nice..
ReplyDeletemere blog par bhi kabhi aaiye waqt nikal kar..
Lyrics Mantra
Dhanyawaad!
ReplyDeleteye kaisa nasha hai ,tujhe kya khabar hai panktiyan kavita ki chhap chhod gayee.bahut sundar...
ReplyDeleteman ko chhu gai
ReplyDeleteShalini ji aur Sangeetaji, aap donon ko bahut bahut dhanyawaad!
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