अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
10.1.11
मैं खड़ा
शीर्षासन करते सिद्धांतों के बीच खड़ा मैं उनकी पांवों की बिवाइयों को देख रहा हूँ । जैसे उनकी टीसों से मेरा चिर परिचय हो । सोचता हूँ कोई तरकीब या मरहम शायद उन्हें फिर से चलायमान कर सके समकालीनता की इस खुरदरी ज़मीन पर ।
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