7.2.11

है ज्ञान की प्रभा से (सरस्वती वंदना)

बसंत ने दस्तक दिए हैं । शमा जी की कविता बड़ी अच्छी लगी । मैंने भी बसंत पर लिखा है । पर अभी तो सरस्वती वंदना हो जाये ।

वंदना
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है ज्ञान की प्रभा से ये प्रार्थना हमारी ,
बच्चों के दिल में भर दे भारत से प्रेम भारी ।

प्रांगन है ये तुम्हारा , तुमसे कला पली है '
साहित्य वल्लरी की पुष्पित कली - कली है ।
श्वेताभ वस्त्र तेरे , है हंस की सवारी ,
बच्चों के दिल में भर दे भारत से प्रेम भारी ।
है ज्ञान ......... ॥

तेरी ये आरती है , तू विश्व भारती है ,
अज्ञान के भंवर से जन को उबारती है ।
करबद्ध कर रहे हैं , हम वंदना तुम्हारी ,
बच्चों के दिल में भर दे भारत से प्रेम भारी ।
है ज्ञान ........... ॥

4 comments:

  1. Dhanyawaad! Er. Satyam Shivam ji

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  2. saraswati vandana bahut pasand aayee.aapko bhi vasant panchmi ki bahut bahut badhai.

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  3. basant panchmi ki snehsikt badhai apko bhi!

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