अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
25.2.11
बिना शीर्षक के
एक क्षण में एक बार नहीं कई बार मोबाइल फोन टटोलता हूँ, फिर अपने आप से बोलता हूँ किसका आएगा किसके पास जायेगा फोन, एक एक करके सब तो चले गए बात करने वाला रहा है कौन? सबके सामने है अहम् की दीवार अपना मौन तोड़ेगा कौन!
aap hi kyon naheen todte maun ko ?
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