अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
समझ नहीं आया कि ये सज्जन शादियों में खाना परोसने के ख़िलाफ़ हैं या जूठन 'न' छोड़ने के ...
समझ नहीं आया कि ये सज्जन शादियों में खाना परोसने के ख़िलाफ़ हैं या जूठन 'न' छोड़ने के ...
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