भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
27.2.11
सौ अफसाने हैं
बेशक
,
शहर
की
चर्चाओं
में
तेरे
-
मेरे
सौ
अफसाने
हैं
,
पर
मिलने
के
भी
तो
मेरी
जां
सौ
बहाने
हैं
।
1 comment:
Shalini kaushik
27/2/11 2:24 PM
बहुत खूब.
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बहुत खूब.
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