सुबह-सुबह यादव जी दूध के बाल्टे के साथ।
पांडेयपुर इलाके में खुदी में सड़क।
पाण्डेयपुर इलाके में जाम क झाम।
इसी के निर्माण की वजह से है जाम क झाम।
कुछ इस तरह उड़ता है काशी में भभूत,

कहीं सियापा तो कहीं झाम।
ardali बाज़ार की zama masjid।
काशी के लोगों को गाज़र की ठंडक देता बालक।
धर्म की नगरी में ज्ञान क गौरव संपूर्णानंद ।
काशी में कराहती वरुणा नदी।
पंडित दीनदयाल चिकित्सालय।
मानसिक चिकित्सालय वाराणसी।
पान दरीबा में पान बनासरी क सामान बेचता दुकानदार।

नइसडक से निकला मुहर्रम के साठे key मातम जुलूस।काफी बदल गयी है कशी।
आपभी ज़रा आके देख जाईये।
आपके दुआओं क तालिब....
अफसर खान सागर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..यह हमारे सभी धार्मिक नगरों का यथार्थ है..
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