अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
प्रत्येक ऋतु के
सभी बसंत
नेताओं के खाते में ,
आदमी
मारा गया
लोकतंत्र के
इस घाटे में।
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