2.3.11

नेता जी की परशानी ''म''

 
''म'' से मनमोहन बने ,''म'' से बने महंगाई ,
''म'' से मैडम की चले ,''म'' मुख कही न जाई ,
''म'' से मीडिया भी बने ,मंद-मंद मुस्काई ,
''म'' से हैं मजबूरियां ,''म'' मत पूछो भाई .
[नेता जी की और से ''म'' महाशिवरात्रि की बधाई ]
                                                     शिखा कौशिक
                   http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

5 comments:

  1. Bilkul Sahi likha aapne mein aapki baat se shamat hoon janta paresaan neta pahlwaan!!

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  2. डा. मनोज रस्तोगी ,मुरादाबाद3/3/11 3:17 AM

    बहुत अच्छा प्रयोग किया है आपने,मनोज दे रहा आपको बधाई ।
    rastogi.jagranjunction.com

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  3. आप कमाल का लिखती हैं

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  4. डा.मनोज रस्तोगी,मुरादाबाद4/3/11 6:13 PM

    सुंदर प्रयोग है शिखा जी,
    आपको मनोज की बधाई ।
    rastogi.jagranjunction.com

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