अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
2.3.11
नेता जी की परशानी ''म''
''म'' से मनमोहन बने ,''म'' से बने महंगाई , ''म'' से मैडम की चले ,''म'' मुख कही न जाई , ''म'' से मीडिया भी बने ,मंद-मंद मुस्काई , ''म'' से हैं मजबूरियां ,''म'' मत पूछो भाई . [नेता जी की और से ''म'' महाशिवरात्रि की बधाई ] शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
bahut khoob
ReplyDeleteBilkul Sahi likha aapne mein aapki baat se shamat hoon janta paresaan neta pahlwaan!!
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयोग किया है आपने,मनोज दे रहा आपको बधाई ।
ReplyDeleterastogi.jagranjunction.com
आप कमाल का लिखती हैं
ReplyDeleteसुंदर प्रयोग है शिखा जी,
ReplyDeleteआपको मनोज की बधाई ।
rastogi.jagranjunction.com