रंग पर्व की अशेष शुभकामनायें...भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुके इस महान रंगोत्सव में आपकों अपनी एक छोटी सी रचना सादर समर्पित करता हूँ...
हर रंग से रंग दे...
रंग मुझे हर रंग से रंग दे,रंग से रंग दे भंग से रंग दे,
रंग मुझे हर रंग से रंग दे...
श्याम वर्ण सुन्दर से रंग दे,मथुरा की हुड़दंग से रंग दे,
रंग मझे हर रंग से रंग दे...
नील कण्ठ हरहर से रंग दे,जानकी-वल्लभ रम से रंग दे,
रंग मुझे हर रंग से रंग दे...
गौरवर्ण गोपीन की गागर,चाल थिरकती मद से रंग दे,पनघट के पेड़ों पर अंगिया,श्याम ठठोली हद से रंग दे,
रंग मुझे हर रंग से रंग दे...
रास नचाते कान्हा पर हर गोपीन के उस मान से रंग दे,उद्धव की बुद्धी पर भारी ब्रज की उस पहचान से रंग दे,
रंग मुझे हर रंग से रंग दे...
रंग ठिठौली,रंग भंगौली रंग रंग संसार को रंग दे,
तम को रंग दे,बद को रंग दे रंग किसी अभिमान को रंग दे,
इन्द्रधनुष छा जाये नभ पर रंग किसी मुस्कान को रंग दे....
पुनः रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें.....
आपका,
संजय उपाध्याय,
बिलासपुर
Happy Holi
ReplyDeleteMay this festival brings many happiness in your life
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