10.3.11

सभी लोक सेवक कृपया याद रखें!
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' / Dr. Purushottam Meena 'Nirankush'

जब एक लोक सेवक (जनता का नौकर), जनता के प्रति अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह कानून द्वारा अधिरोपित ईमानदारी से, निष्ठा से और कानून में निर्धारित समय पर/में नहीं करता है तो उससे वह जनता के अधिकारों का हनन कर रहा होता है, जिससे लोक सेवक (जनता का नौकर) द्वारा विभागीय एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 406 तथा 409 आदि में वर्णित कानूनों का उल्लंघन होता है और कानून का उल्लंघन ही अपराध का निर्माण करते हैं, जिसके लिए कानून में सजा का प्रावधान है.

लोक सेवक (जनता का नौकर) कुर्सी के मद में अकेला ही मनमानी करता है, लेकिन सजा उसके पूरे परिवार को भुगतनी पड़ती है. पकडे जाने और सजा मिलने पर बच्चों का जीवन बर्बाद हो जाता है. ऐसे लोक सेवक (जनता
के
नौकर), जनता में असंतोष पैदा करने का कारण भी बनते हैं, ऐसे लोक सेवकों के कारण लोकप्रिय एवं लोकतान्त्रिक सरकारें बदनाम होती हैं.

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