प्रिय मित्रों
सर्वप्रथम तो हार्दिक बधाइयाँ आप सभी को भारत की पाकिस्तान पर शानदार विजय की
कल का दिन बडा ही शुभ था
भारत ने अपना विश्वकप कीर्तिमान सुरक्षित रखा
अबतक भारत और पाकिस्तान विश्वचषक प्रतियोग्यता में 5 बार आमने सामने हुए
जिनमें भारत ने पाँचों बार विजयश्री का वरण किया ।
अब कदाचित् वो दिन दूर नहीं जब भारत विश्वचषक को जीत कर पिछले 18 वर्षों की प्रतीक्षा का अंत करेगा ।
हम सभी भारतीय हृदय से भारत की जीत की शुभकामना करें ।
मैने इस अवसर पर भारत की विजय कल्पित करते हुए एक कविता लिखी है
कविता मूल रूप से हिन्दी की अवधी विधा में है
हालाँकि अवधी मेरी अपनी क्षेत्रभाषा है किन्तु हिन्दी की इस विधा में मैने अबतक एक भी रचना नहीं की थी ।
आज प्रथम वार अवधी में भारत का विजयगान प्रस्तुत कर रहा हूँ ।।
कतिपय शब्द संस्कृतनिष्ठ हिन्दी के भी प्रयुक्त हैं ।
पारिभाषिक शब्दों में रन के लिये दौरि या दौड का प्रयोग है, विश्वकप के लिये कहीं कहीं विश्वचषक का प्रयोग है । खिलाडी के लिये खेलारी शब्द का प्रयोग किया है । थोडा सा ध्यान देने पर काव्य का आनन्द लिया जा सकता है ।
एक गुजारिश है आप सभी से
2 को भारत श्री लंका का निर्णायक मुकाबला है
इस काव्य को इतना प्रसारित कीजिये जिससे 2 दिनांक तक यह हर भारतीय के स्क्रैपबाक्स / इनबाक्स में पहुँच जाये ।।
हर गली कूँचा मँ आज बाजती बधायो है
आयो तेन्दूलकर को विजय सैन्य आयो है ।।
1- सालौं भागि मन्दि रहा , कई ठू प्रतिद्वन्दि रहा
गेंद धारि कुन्दि रहा , तबै अरि निर्द्वन्दि रहा
डेढ अरब दुआ पाई आज ई मोटायो है ।
आयो तेन्दूलकर को विजय सैन्य आयो है ।।
2- चढि चल्यौं ठहिकै मैंदां , हर समूह काँ रौंदा
मेटि दिहौं कंगरूवन , हारि गवा पाकिस्तां
लंका पछारि विजय डंका बजायो है ।
आयो तेन्दूलकर कै विजय सैन्य आयो है ।।
3- महाशतक पूर भवा ,शत्रु गरब चूर भवा
हमरे आँखि कै किनकी , आज जग कै नूर भवा
विश्वकीर्तिमान , कीर्तिमानन कै बनायो है ।
आयो तेन्दूलकर कै विजय सैन्य आयो ।।
4- गौती औ सहवाग रहिन , सचिन चौका दागि रहिन
धौनी , युवी , रैना औ विराट दौरि भागि रहिन
भज्जी , नेहरा , मुनफ , जहिर , खुब बिकट चटकायो है ।
आयो तेन्दूलकर कै विजय सैन्य आयो है ।।
5- खेल माँ रोमांच रहा , पूरा देश शान्त रहा
कवि 'आनन्द' उ समइया मन बडा आक्रान्त रहा
आवा जिउ मा जिउ तबै जब अन्ति दौरि धायो है ।
आयो तेन्दूलकर कै विजय सैन्य आयो है ।।
6- आँसु रही नैनन माँ , हाँथ रहा हाँथन माँ
कुल खेलारी कतौं हँसैं , रोइ परैं फिरि छन माँ
सुफल जन्म भै जौ सचिन विश्वकप उठायो है ।
आयो तेन्दूलकर कै विजय सैन्य आयो है ।।
जय हिन्द
आपकी यह शुभकामनाओं का सन्देश और सुन्दर काव्य रचना कल चर्चामंच पर होगी ... आपका आभार .. http://charchamanch.blogspot.com
ReplyDeleteगजब!!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .....हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है |बधाई
ReplyDeleteआशा
बहुत बढ़िया रचना ...पढ़ कर मज़ा आ गया
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